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बंद कमरे में अंगीठी फिर बनी खतरनाक, समय रहते अस्पताल पहुंचने पर बची चार महिलाओं की जान

बंद कमरे में अंगीठी फिर बनी खतरनाक, समय रहते अस्पताल पहुंचने पर बची चार महिलाओं की जान

वाराणसी. चौबेपुर क्षेत्र में...Anurag Tiwari

वाराणसी. चौबेपुर क्षेत्र में गुरुवार रात बंद कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड से दम घुटने से चार महिलाएं बेहोश हो गईं। समय रहते अस्पताल पहुंच जाने से इन सभी की जान बच गई।

मिली जानकारी के मुताबिक, रात दो बजे के बाद एक महिला की नींद खुली और उसके शोर मचाने पर मकान मालिक ने दरवाजा खोलकर सभी को बाहर निकाला। इसके बाद सभी को चौबेपुर स्थित जीवन ज्योति अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।

चौबेपुर बाजार में कैशपॉर बैंक की ब्रांच में काम करने वाली अखरी बाईपास निवासी सावित्री सिंह (36 वर्ष), जाल्हूपुर चोलापुर निवासी चंचल (38 वर्ष), जौनपुर निवासी रेशमा (23 वर्ष) और शादियाबाद गाजीपुर निवासी खुशबू (28 वर्ष) चौबेपुर विजय सिंह के मकान में किराए पर रहती हैं। गुरुवार को सभी महिलाओं ने बैंक से लौटने के बाद कोयले की अंगीठी जलाकर सेंकने के बाद खाना खाया और कमरे में ही अंगीठी रखकर दरवाजा बंद कर सो गईं। रात दो बजे के बाद चंचल की नींद खुली और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उसने किसी तरह दरवाजा खोलकर मकान मालिक विजय सिंह को जगाया। मकान मालिक ने सभी की नाजुक हालत देखते हुए उन्हें अस्पताल पहुंचाया।

जीवन ज्योति अस्पताल के संचालक डॉ. ए के पांडेय ने बताया कि सभी महिलाएं कार्बन मोनोऑक्साइड की चपेट में आने के कारण बेहोश हो गई थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लिया गया और उन्हें ऑक्सीजन दी गई। अब उनकी हालत खतरे से बाहर है।

डॉ. पांडेय ने बताया कि बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोने से कार्बन मोनोऑक्साइड का खतरा बढ़ जाता है। कार्बन मोनोऑक्साइड एक रंगहीन और गंधहीन गैस है जो शरीर के लिए बेहद जहरीली होती है। यह शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बाधित करती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, और बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कार्बन मोनोऑक्साइड के गंभीर मामलों में मृत्यु भी हो सकती है।

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