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शुक्रवार 13 दिसंबर को मनाया जाएगा शुक्र प्रदोष व्रत, जानें इसके लाभ और भगवान शिव की आरती व मंत्र

शुक्रवार 13 दिसंबर को मनाया जाएगा शुक्र प्रदोष व्रत, जानें इसके लाभ और भगवान शिव की आरती व मंत्र
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प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है, जो विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह का दूसरा प्रदोष व्रत 13 दिसंबर, शुक्रवार को पड़ रहा है, जिसे विशेष रूप से "शुक्र प्रदोष व्रत" कहा जाता है। यह दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है और इसे बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।


शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व


शुक्र प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित होता है। इस व्रत को करने से भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। साथ ही, यह व्रत व्यक्ति के सभी दुखों और समस्याओं का समाधान करने के लिए भी कारगर माना जाता है। विशेष रूप से, शुक्र ग्रह से संबंधित समस्याओं का समाधान इस व्रत के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।


व्रत करने वाले साधक इस दिन उपवासी रहते हुए शिव जी की पूजा अर्चना करते हैं। उनका विश्वास होता है कि इस व्रत से भगवान शिव के आशीर्वाद से उनके जीवन में आ रही कठिनाइयों का निवारण होगा और वे मानसिक व शारीरिक शांति का अनुभव करेंगे।


शिव जी की आरती और मंत्र


शिव प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव की आरती और मंत्रों का उच्चारण विशेष महत्व रखता है। शिव आरती के साथ-साथ उनके मंत्रों का जाप करने से भक्तों को उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है।


शिव आरती:


जय शिव ओंकारा, महादेव महेश्वरा।

आनंदकंदा, शंकरा, नंदीश्वर प्रियपारा।।

वह शिव परमेश्वरा, गोविंदो भगवान,

जिनके चरणों में बसा हर संसार।।


शिव मंत्र:


"ॐ नमः शिवाय"

यह मंत्र भगवान शिव की आराधना में अत्यंत प्रभावी है। इसे नियमित रूप से जाप करने से न केवल व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं, बल्कि उसे भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।


शुक्र प्रदोष व्रत के लाभ:


1. भगवान शिव की कृपा: इस दिन किए गए व्रत से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।


2. समस्याओं का समाधान: व्रत से जीवन की कठिनाइयों का समाधान होता है, और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।


3. आध्यात्मिक उन्नति: यह व्रत व्यक्ति के आध्यात्मिक जीवन को प्रगति प्रदान करता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।


4. शुक्र ग्रह के दोषों का निवारण: जो लोग शुक्र ग्रह से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह व्रत विशेष लाभकारी साबित हो सकता है।


इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव की पूजा करें और व्रत के द्वारा उनके आशीर्वाद को प्राप्त करें।


यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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