Home > मुख्य समाचार > वन नेशन वन इलेक्शन, पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की कमेटी ने 18 हजार पेज की रिपोर्ट सौंपी

वन नेशन वन इलेक्शन, पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की कमेटी ने 18 हजार पेज की रिपोर्ट सौंपी

वन नेशन वन इलेक्शन, पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की कमेटी ने 18 हजार पेज की रिपोर्ट सौंपी

14 मार्च 2024 को, वन नेशन वन...PS

14 मार्च 2024 को, वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation, One Election) पर विचार करने के लिए गठित पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।


यह रिपोर्ट 18,626 पन्नों की है और इसमें 2029 में एक साथ सभी चुनाव कराने की सिफारिश की गई है।



रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साथ चुनाव कराने से देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने, चुनाव खर्च कम करने और राजनीतिक स्थिरता लाने में मदद मिलेगी।


रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता होगी।



वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार करने के लिए 2 सितंबर 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था।


इस समिति में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, कानून मंत्री किरेन रिजिजू, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर भी शामिल थे।


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अब इस रिपोर्ट का अध्ययन करेंगी और उसके बाद इसे सरकार को भेज देंगी। सरकार इस रिपोर्ट पर विचार करेगी और उसके बाद संसद में इस पर बहस होगी।


यह रिपोर्ट देश में चुनाव प्रणाली में एक बड़ा बदलाव ला सकती है।



रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साथ चुनाव कराने से देश में 1,500 करोड़ रुपये की बचत होगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक साथ चुनाव कराने से राजनीतिक दलों को अपनी चुनाव प्रचार रणनीति में बदलाव करना होगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक साथ चुनाव कराने से देश में मतदाता टर्नआउट में भी वृद्धि होगी।

Share it
Top