चैत्र नवरात्रि 2024, कलश स्थापना का धार्मिक महत्व और लाभ

नवरात्रि हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो साल में चार बार मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि, जो वसंत ऋतु में आती है, सबसे महत्वपूर्ण नवरात्रि मानी जाती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है।
नवरात्रि के पहले दिन, भक्त माता शक्ति की पूजा-अराधना करते हैं और व्रत रखते हैं। नवरात्रि की पूजा में कलश या घट स्थापना करना बेहद आवश्यक माना जाता है।
कलश स्थापना का धार्मिक महत्व:
•कलश को ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है।
•कलश में स्थापित जल जीवन का प्रतीक है।
•कलश में रखी गई मिट्टी पृथ्वी का प्रतीक है।
•कलश में रखे गए धान के बीज उर्वरता का प्रतीक हैं।
•कलश में स्थापित नारियल समृद्धि का प्रतीक है।
•कलश के ऊपर रखी गई अशोक की पत्तियां विजय का प्रतीक हैं।
कलश स्थापना के लाभ:
•कलश स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
•कलश स्थापना से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
•कलश स्थापना से माता शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
•कलश स्थापना से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
•कलश स्थापना से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
कलश स्थापना विधि:
•कलश स्थापना के लिए एक पवित्र स्थान का चयन करें।
•कलश को लाल कपड़े पर रखें।
•कलश में जल भरें।
•कलश में मिट्टी डालें।
•कलश में धान के बीज डालें।
•कलश में नारियल रखें।
•कलश के ऊपर अशोक की पत्तियां रखें।
•कलश की पूजा करें।
नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह भक्तों को माता शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करने और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने में मदद करता है।