पौष अमावस्या 2024, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पितरों की कृपा पाने के उपाय
- In मुख्य समाचार 24 Dec 2024 3:06 PM IST
पौष माह की अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार एक महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। इस दिन पितरों की पूजा और तर्पण का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष अमावस्या पर किए गए कर्म और दान पुण्य का कई गुना फल प्राप्त होता है। साथ ही, इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए किए गए विशेष उपाय जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आते हैं।
कब है पौष माह की अमावस्या?
इस साल पौष अमावस्या का पर्व 30 दिसंबर 2024, सोमवार को मनाया जाएगा। यह तिथि पूर्ण अंधकार वाली रात होती है, जिसे पितरों को समर्पित विशेष दिन माना जाता है।
अमावस्या का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष अमावस्या की शुरुआत 29 दिसंबर 2024 को रात 11:50 बजे होगी और इसका समापन 30 दिसंबर 2024 को रात 10:10 बजे होगा। पूजा और तर्पण के लिए सुबह से लेकर दोपहर तक का समय सबसे शुभ माना जाता है।
पौष अमावस्या का महत्व
अमावस्या तिथि को पितरों को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम दिन माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन किए गए श्राद्ध कर्म और तर्पण से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और परिवार पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है।
धार्मिक दृष्टिकोण: इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व है।
आध्यात्मिक लाभ: यह दिन आत्मा की शुद्धि और पवित्रता का प्रतीक है, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
पितरों का आशीर्वाद पाने के खास उपाय
पौष अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। ये उपाय न केवल पितृ दोष को दूर करने में मदद करते हैं, बल्कि जीवन में आने वाली समस्याओं का भी समाधान करते हैं।
1. पवित्र स्नान: अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले पवित्र नदियों या किसी जलाशय में स्नान करें। यदि ऐसा संभव न हो, तो घर में स्नान करते समय पानी में गंगा जल मिलाएं।
2. पितरों का तर्पण: जल में काले तिल, दूध और फूल मिलाकर पितरों का तर्पण करें। यह क्रिया पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करती है।
3. दान का महत्व: इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें। काले तिल, गुड़ और आटे का दान करना विशेष फलदायी माना जाता है।
4. दीप प्रज्वलित करें: शाम को घर के आंगन या पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
5. हनुमान जी की पूजा: अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से पितरों के साथ-साथ देवी-देवताओं की भी कृपा प्राप्त होती है।
जीवन में पितरों का आशीर्वाद क्यों है जरूरी?
पितरों का आशीर्वाद हमारे जीवन को उन्नति और शांति की ओर ले जाता है। यदि परिवार में किसी प्रकार की बाधा, धन की कमी या रिश्तों में तनाव हो रहा है, तो इसका कारण पितृ दोष हो सकता है। पौष अमावस्या पर किए गए विशेष अनुष्ठान और उपाय इन सभी समस्याओं को दूर कर सकते हैं।
पौष अमावस्या न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी एक अत्यंत शुभ अवसर है। इस दिन पितरों की पूजा, तर्पण और दान-पुण्य का महत्व जीवन को सकारात्मक दिशा देने में सहायक है। यदि आप भी अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस अमावस्या पर बताए गए उपायों को जरूर अपनाएं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।