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शनि त्रयोदशी व्रत 2024, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

शनि त्रयोदशी व्रत 2024, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

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दिसंबर माह के अंत में आने वाला शनि त्रयोदशी व्रत धर्म और आध्यात्मिकता की दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव, माता पार्वती और शनि देव को समर्पित होता है। इस दिन श्रद्धालु इन देवताओं की पूजा करके अपने जीवन से कष्ट, पाप और दोषों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं। आइए जानते हैं इस साल शनि त्रयोदशी व्रत की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व।


शनि त्रयोदशी व्रत की तिथि और समय


पंचांग के अनुसार, इस साल शनि त्रयोदशी व्रत 28 दिसंबर 2024, शनिवार को रखा जाएगा।


त्रयोदशी तिथि का आरंभ: 28 दिसंबर 2024 को रात 2:26 बजे।

त्रयोदशी तिथि का समापन: 29 दिसंबर 2024 को रात 3:32 बजे।


शनि प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त:

पूजा के लिए शाम 5:33 बजे से रात 8:17 बजे तक का समय सबसे उत्तम है। इस दौरान भगवान शिव और शनि देव की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।


शनि त्रयोदशी व्रत का महत्व


शनि त्रयोदशी का व्रत शनिदेव के प्रभाव को शांत करने और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक पवित्र अवसर है। इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।


1. शनि दोष से मुक्ति: जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष या साढ़े साती का प्रभाव है, उनके लिए यह व्रत अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।

2. सकारात्मक ऊर्जा: त्रयोदशी व्रत से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

3. धन और समृद्धि का आगमन: इस दिन पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होती है।


शनि त्रयोदशी व्रत और पूजा विधि


शनि त्रयोदशी के दिन श्रद्धालुओं को पूरे विधि-विधान से भगवान शिव और शनि देव की पूजा करनी चाहिए।


1. स्नान और संकल्प: सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2. शिवलिंग का अभिषेक: भगवान शिव का अभिषेक गंगा जल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र से करें।

3. शनि देव की पूजा: शनिदेव को सरसों का तेल, काले तिल, और काले वस्त्र अर्पित करें।

4. हनुमान जी की आराधना: शनि दोष को शांत करने के लिए इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।

5. दीपदान: सूर्यास्त के बाद शिवलिंग और पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।


दान-पुण्य का विशेष महत्व


शनि त्रयोदशी के दिन दान का अत्यधिक महत्व है। इस दिन काले तिल, काले वस्त्र, लोहा और तेल का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से जीवन की परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। गरीबों को भोजन करवाना और गौ सेवा करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।


धार्मिक मान्यता


शनि त्रयोदशी व्रत को करने से व्यक्ति के पाप कर्मों का नाश होता है। यह दिन आत्मशुद्धि और भगवान के प्रति समर्पण का प्रतीक है। शनिदेव और भगवान शिव की कृपा से भक्तों के जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि आती है।


शनि त्रयोदशी का व्रत उन लोगों के लिए एक अनमोल अवसर है, जो अपने जीवन की कठिनाइयों को दूर करना चाहते हैं। इस पवित्र दिन पर श्रद्धा और भक्ति से पूजा-अर्चना करके आप न केवल शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि भगवान शिव का आशीर्वाद भी पा सकते हैं। इसलिए इस शनि त्रयोदशी पर व्रत और पूजा विधि का पालन जरूर करें और अपने जीवन को खुशियों से भरें।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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