आज है 2024 का अंतिम प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और भोग से जुड़ी हर जानकारी

आज है 2024 का अंतिम प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और भोग से जुड़ी हर जानकारी
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आज 28 दिसंबर 2024 को साल का अंतिम प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इसे करने से सभी प्रकार के दोषों का निवारण होता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं आज की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और भोग की पूरी जानकारी।


प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इसे करने से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि सुख, समृद्धि और शांति का वरदान भी प्राप्त होता है। साल 2024 का यह अंतिम प्रदोष व्रत होने के कारण भक्तों के लिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।


पूजा का शुभ मुहूर्त

•शुभ तिथि: 28 दिसंबर 2024, गुरुवार

•व्रत प्रारंभ: सुबह 6:32 बजे से

•व्रत समाप्त: अगले दिन 29 दिसंबर को सुबह 5:48 बजे तक


पूजा का समय: सूर्यास्त के बाद, शाम 5:45 बजे से रात 8:15 बजे तक प्रदोष काल में पूजा करना सबसे शुभ माना गया है।


पूजा विधि

1. प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।

2. दिनभर निराहार रहें और केवल शाम को प्रदोष काल में पूजा करें।

3. भगवान शिव का ध्यान करें और शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।

4. शिवलिंग पर बिल्वपत्र, अक्षत, पुष्प, धूप और दीप अर्पित करें।

5. शिव चालीसा का पाठ करें और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।

6. अंत में भगवान शिव को भोग अर्पित करें और आरती करें।


भोग में क्या अर्पित करें?


भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें भोग में खास चीजें अर्पित की जाती हैं।

•दूध और पंचामृत

•सफेद मिठाई जैसे माखन-मिश्री या खीर

•गन्ने का रस

•मौसमी फल


प्रदोष व्रत से होने वाले लाभ

1. इस व्रत को करने से सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।

2. वैवाहिक जीवन में चल रहे तनाव समाप्त होते हैं।

3. आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

4. स्वास्थ्य में सुधार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

5. मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।


ध्यान रखने योग्य बातें


प्रदोष व्रत के दिन झूठ, क्रोध और किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से बचें।

व्रत का पालन पूरी श्रद्धा और विधि-विधान के साथ करें।

व्रत के दौरान केवल सात्विक भोजन करें।

शिव मंदिर जाकर भगवान शिव का आशीर्वाद लें।


साल 2024 का अंतिम प्रदोष व्रत भक्तों के लिए एक शुभ अवसर है। इस पवित्र व्रत को श्रद्धा और भक्ति भाव से करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। प्रदोष व्रत के माध्यम से न केवल शारीरिक और मानसिक समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन भी होता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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