जनवरी 2025, नए साल का आगाज और पावन व्रत-त्योहारों का महीना
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जनवरी का महीना साल की नई शुरुआत का प्रतीक है। जहां यह अंग्रेजी कैलेंडर का पहला महीना होता है, वहीं हिंदू धर्म के दृष्टिकोण से भी जनवरी का विशेष महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जो न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि समाज और संस्कृति के ताने-बाने को भी उजागर करते हैं। साल 2025 का जनवरी माह मकर संक्रांति, लोहड़ी और मौनी अमावस्या जैसे पवित्र अवसरों का साक्षी बनेगा। आइए, विस्तार से जानते हैं इस महीने में आने वाले प्रमुख व्रत और त्योहारों की तिथियां और उनके महत्व।
जनवरी 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहार
1. लोहड़ी (13 जनवरी 2025)
लोहड़ी का त्योहार विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन फसल कटाई के उत्सव के रूप में जाना जाता है और सर्दी के मौसम के अंत का प्रतीक है। इस दिन अलाव जलाकर तिल, गुड़, मूंगफली और रेवड़ी अर्पित करने की परंपरा है। यह त्योहार परिवार और दोस्तों के साथ खुशी और समृद्धि का जश्न मनाने का अवसर है।
2. मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025)
मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, जैसे तमिलनाडु में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण और असम में भोगाली बिहू। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और तिल-गुड़ खाने का विशेष महत्व है।
3. पौष पूर्णिमा (25 जनवरी 2025)
पौष पूर्णिमा का दिन पवित्र स्नान और दान के लिए समर्पित है। यह दिन गंगा नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन दान करने के लिए शुभ माना जाता है। साथ ही, इस दिन से माघ मास के कल्पवास की शुरुआत होती है, जिसे प्रयागराज में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
4. मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025)
मौनी अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में आत्म-शुद्धि और मौन साधना के लिए जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने और मौन रहकर ध्यान करने का विशेष महत्व है। यह दिन पितरों को तर्पण करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा करने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
जनवरी के व्रत और त्योहारों का धार्मिक महत्व
जनवरी में आने वाले ये व्रत और त्योहार न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि लोगों को एकजुट करने और सामाजिक समरसता का संदेश भी देते हैं। लोहड़ी और मकर संक्रांति जैसे त्योहार फसल कटाई और प्रकृति के साथ जुड़ाव को दर्शाते हैं, जबकि मौनी अमावस्या और पौष पूर्णिमा आत्मा की शुद्धि और दान-पुण्य का महत्व समझाते हैं।
इन त्योहारों पर करें ये विशेष कार्य
1. दान और पूजा: मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा पर गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें।
2. गंगा स्नान: मौनी अमावस्या और पौष पूर्णिमा पर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
3. सामूहिक उत्सव: लोहड़ी के दिन परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर त्योहार मनाएं।
4. प्राकृतिक संतुलन: त्योहारों के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखें और प्लास्टिक आदि का कम से कम उपयोग करें।
जनवरी 2025 का महीना व्रत और त्योहारों की पवित्रता से भरा हुआ है। यह समय आध्यात्मिक उन्नति, सामाजिक समरसता और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का है। इन त्योहारों को मनाते हुए हम अपनी परंपराओं को सहेजते हैं और आने वाले साल को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा के साथ शुरू करते हैं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।