वैकुंठ एकादशी 2025, भगवान विष्णु की आराधना और दान का शुभ दिन
- In मुख्य समाचार 7 Jan 2025 5:17 PM IST
हिंदू धर्म में वैकुंठ एकादशी का विशेष महत्व है। इसे भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है और यह दिन भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। वैकुंठ एकादशी का पालन करने वाले भक्त व्रत और पूजा के माध्यम से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करते हैं। साथ ही, इस दिन दान का विशेष महत्व है, जो न केवल पुण्य प्रदान करता है, बल्कि जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने वाला भी माना जाता है।
वैकुंठ एकादशी 2025: शुभ तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष वैकुंठ एकादशी की तिथि 9 जनवरी 2025 को दोपहर 12:22 बजे से शुरू होकर 10 जनवरी 2025 को सुबह 10:19 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर, वैकुंठ एकादशी का व्रत और पूजा 10 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।
वैकुंठ एकादशी का महत्व
वैकुंठ एकादशी को "मोक्षदा एकादशी" भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु वैकुंठ के द्वार खोलते हैं और भक्तों को मोक्ष का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है और आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है।
इस दिन क्या करें?
1. व्रत और पूजा का संकल्प:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें। विष्णु सहस्त्रनाम और भगवद्गीता का पाठ करें।
2. भगवान विष्णु का पूजन:
भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को पीले वस्त्र, चंदन, तुलसी, और पुष्प अर्पित करें। विष्णु मंत्रों का जाप करें और उनका ध्यान करें।
3. व्रत पालन:
इस दिन व्रत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। फलाहार या निर्जला व्रत कर सकते हैं।
4. दान और सेवा:
जरूरतमंदों को दान करना इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
वैकुंठ एकादशी पर किन चीजों का दान करें?
1. अन्न और वस्त्र:
गरीब और जरूरतमंदों को अन्न, चावल, गेहूं, और वस्त्र दान करें।
2. धन और आभूषण:
धन और सोना-चांदी का दान करना अत्यंत पुण्यकारी होता है।
3. धार्मिक ग्रंथ और किताबें:
भागवत गीता या अन्य धार्मिक ग्रंथों का दान करना भी शुभ माना जाता है।
4. तुलसी पौधा:
भगवान विष्णु की प्रिय तुलसी का पौधा दान करने से विशेष आशीर्वाद मिलता है।
5. दीपदान:
शाम के समय दीप जलाकर भगवान विष्णु को समर्पित करें और इसे मंदिरों या गरीबों में वितरित करें।
क्या न करें?
1. मांसाहार और नशा:
इस दिन मांसाहार और नशे का सेवन वर्जित है।
2. अहंकार और क्रोध:
दूसरों के साथ अहंकार या क्रोध से बात करने से बचें।
3. झूठ और छल:
झूठ बोलना और किसी के साथ छल करना इस दिन अशुभ माना जाता है।
आध्यात्मिक लाभ
वैकुंठ एकादशी का व्रत और पूजा करने से आत्मा को शुद्धता प्राप्त होती है। यह दिन भगवान विष्णु की भक्ति में लीन होने और जीवन को सकारात्मक दिशा देने का अवसर है।
इस पवित्र अवसर पर श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान विष्णु की आराधना करें और दान-पुण्य के माध्यम से अपने जीवन को मंगलमय बनाएं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।