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पौष पूर्णिमा 2025, भगवान विष्णु की आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन

पौष पूर्णिमा 2025, भगवान विष्णु की आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन

पौष मास की पूर्णिमा, जो इस साल...PS

पौष मास की पूर्णिमा, जो इस साल 25 जनवरी 2025 को पड़ रही है, आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए बेहद शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पावन दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करने से न केवल जीवन में सुख-समृद्धि आती है, बल्कि साधक की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

पौष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

पौष पूर्णिमा को सनातन धर्म में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु, जो जगत के पालनहार हैं, अपनी कृपा से साधकों को कष्टों से मुक्ति प्रदान करते हैं। उनकी चरण-वंदना और शरणागति से जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

गुरु ग्रह को मजबूत करने का विशेष अवसर

ज्योतिषीय दृष्टि से पौष पूर्णिमा का दिन गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए अत्यंत प्रभावी होता है। भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और इस दिन धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने से कुंडली में गुरु ग्रह का प्रभाव सुदृढ़ होता है। गुरु ग्रह का प्रबल होना जीवन में ज्ञान, धन, और समृद्धि के द्वार खोलता है।

पौष पूर्णिमा पर कैसे करें पूजा?

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत तरीके से की जाती है। पूजा में निम्न सामग्रियों का उपयोग किया जाता है:

•तुलसी के पत्ते

•पीले पुष्प

•चंदन

•दीपक

•भोग में पंचामृत और मिष्ठान्न

सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित करें। श्री हरि के मंत्रों का जाप करें और उनसे सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करें।

दान-पुण्य का महत्व

पौष पूर्णिमा पर दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। खासतौर पर गौ-दान, अन्न-दान और वस्त्र-दान को शुभ माना जाता है।

पौष पूर्णिमा और जीवन में सकारात्मकता

भगवान विष्णु की शरण में आकर साधक न केवल अपने वर्तमान जीवन को बेहतर बना सकता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति भी प्राप्त कर सकता है। इस दिन की पूजा और धार्मिक क्रियाएं व्यक्ति को मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन प्रदान करती हैं।

पौष पूर्णिमा का यह पर्व हमें अपने जीवन में भक्ति, दान, और आत्मिक विकास के महत्व को समझने का अवसर देता है। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की कृपा से सभी को सुख-समृद्धि और जीवन में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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