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षटतिला एकादशी 2025, व्रत, तिथि और महत्व का विस्तारपूर्ण विवरण

षटतिला एकादशी 2025, व्रत, तिथि और महत्व का विस्तारपूर्ण विवरण

षटतिला एकादशी: धर्म और साधना...PS

षटतिला एकादशी: धर्म और साधना का पावन पर्व

षटतिला एकादशी, माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। यह व्रत न केवल आत्मशुद्धि का माध्यम है, बल्कि दान और पुण्य के महत्व को भी रेखांकित करता है। इस दिन भक्तजन भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और व्रत का पालन कर अपने जीवन को धर्ममय बनाने का प्रयास करते हैं।

षटतिला एकादशी 2025 की तिथि और समय

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष षटतिला एकादशी तिथि निम्न प्रकार है:

एकादशी तिथि प्रारंभ: 24 जनवरी 2025, शाम 7:25 बजे

एकादशी तिथि समाप्त: 25 जनवरी 2025, रात 8:31 बजे

व्रत का दिन: 25 जनवरी 2025 (उदयातिथि के अनुसार)

इस दिन व्रत रखने का महत्व है क्योंकि उदयातिथि का विशेष प्रभाव होता है।

षटतिला एकादशी का धार्मिक महत्व

षटतिला एकादशी व्रत का नाम "षटतिला" इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें "तिल" (तिल के बीज) का उपयोग छह अलग-अलग प्रकारों में किया जाता है।

1. तिल का सेवन

2. तिल से स्नान

3. तिल का दान

4. तिल का तर्पण

5. तिल का हवन

6. तिल का उबटन

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और तिल का उपयोग करने से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

व्रत विधि और पूजा के नियम

1. व्रत की तैयारी: व्रत से एक दिन पहले सात्विक भोजन करें और मन को पवित्र रखें।

2. प्रातःकाल स्नान: 25 जनवरी को सुबह जल्दी स्नान कर व्रत का संकल्प लें।

3. भगवान विष्णु की पूजा: पीले वस्त्र पहनाकर भगवान विष्णु की मूर्ति पर पुष्प, चंदन, तुलसी और तिल अर्पित करें।

4. तिल का उपयोग: तिल के जल से स्नान करें और भोजन में तिल का सेवन करें।

5. दान का महत्व: इस दिन गरीबों और ब्राह्मणों को तिल, अन्न और वस्त्र दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

षटतिला एकादशी से जुड़ी कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु ने एक भक्त महिला को दर्शन देकर उसे तिल के उपयोग का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि तिल का दान और उपयोग जीवन को पवित्र और दोषमुक्त बनाता है। इसी कारण से षटतिला एकादशी पर तिल का विशेष स्थान है।

षटतिला एकादशी का वैज्ञानिक पक्ष

माघ माह में तिल के उपयोग का एक वैज्ञानिक महत्व भी है। ठंड के मौसम में तिल शरीर को गर्मी प्रदान करता है और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इसके सेवन से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।

षटतिला एकादशी, धर्म, स्वास्थ्य और सेवा का अनोखा संगम है। यह व्रत न केवल आत्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि दूसरों की मदद कर जीवन को सार्थक बनाने का संदेश भी देता है। इस पावन दिन पर व्रत और दान कर भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को शुभ और मंगलमय बनाएं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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