साल 2025 में 27 दिन तक अस्त रहेंगे गुरु ग्रह, ज्योतिषीय दृष्टि से जानिए क्या होगा प्रभाव
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ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अस्त और उदय का विशेष महत्व है। साल 2025 में गुरु ग्रह (बृहस्पति) कुल 27 दिनों तक अस्त रहेंगे। यह अवधि ज्योतिषीय दृष्टि से कई अहम प्रभाव डाल सकती है। गुरु ग्रह को ज्ञान, धर्म, शिक्षा, धन, और शुभ कार्यों का कारक माना जाता है। ऐसे में इसका अस्त होना विशेष रूप से वैवाहिक कार्यक्रमों, धार्मिक आयोजनों और व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव डालेगा। आइए जानते हैं इस खगोलीय घटना के महत्व और संभावित परिणामों के बारे में विस्तार से।
गुरु ग्रह का अस्त होना क्या है?
ग्रहों का अस्त होना तब होता है जब वे सूर्य के अत्यधिक करीब आ जाते हैं और उनकी चमक फीकी पड़ जाती है। इस स्थिति में वे ज्योतिषीय रूप से कमजोर माने जाते हैं। गुरु ग्रह के अस्त होने पर इससे जुड़े कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
कब से कब तक रहेगा गुरु ग्रह अस्त?
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, 2025 में गुरु ग्रह 27 दिनों तक अस्त स्थिति में रहेगा। इसकी शुरुआत [विशिष्ट तिथि और समय का उल्लेख करें] से होगी और यह [समाप्ति तिथि] तक प्रभावी रहेगा।
गुरु ग्रह के अस्त होने का ज्योतिषीय प्रभाव
गुरु ग्रह के अस्त होने का प्रभाव अलग-अलग राशियों पर भिन्न-भिन्न पड़ता है। इसके अलावा, यह धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी असर डालता है।
शुभ कार्यों पर रोक
गुरु ग्रह अस्त होने के कारण इस अवधि में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।
धार्मिक आयोजन और यज्ञ-हवन को भी इस समय टालने की सलाह दी जाती है।
व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव
धन-संबंधी बाधाएं: निवेश और आर्थिक निर्णयों में सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
शिक्षा और करियर: छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को इस दौरान चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य: मानसिक तनाव और थकान महसूस हो सकती है, विशेषकर उन लोगों को जिनकी कुंडली में गुरु कमजोर स्थिति में है।
किन राशियों पर पड़ेगा विशेष प्रभाव?
1. मेष और धनु राशि: आत्मविश्वास में कमी हो सकती है। धैर्य और सतर्कता आवश्यक है।
2. कर्क और मकर राशि: कार्यक्षेत्र में रुकावटें और आर्थिक नुकसान की संभावना।
3. वृषभ और मीन राशि: परिवार में किसी विवाद का सामना करना पड़ सकता है।
क्या करें गुरु ग्रह के अस्त होने पर?
गुरु ग्रह के अस्त होने की अवधि में निम्न उपाय करने से नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है:
भगवान विष्णु की पूजा: प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
गुरुवार का व्रत: इस दिन पीले वस्त्र पहनें और पीले भोजन का सेवन करें।
दान-पुण्य: जरूरतमंदों को चना, गुड़, पीले वस्त्र और सोने का दान करें।
गुरु मंत्र का जाप: "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः" का 108 बार जाप करें।
धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
गुरु ग्रह का अस्त होना न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इसकी अवधि में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संयम, साधना और सेवा को प्राथमिकता दी जाती है।
साल 2025 में गुरु ग्रह का 27 दिनों तक अस्त रहना एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। इसका प्रभाव व्यक्तिगत, सामाजिक और धार्मिक सभी पहलुओं पर देखा जा सकता है। इस अवधि में सतर्कता और सकारात्मकता बनाए रखना आवश्यक है। उचित ज्योतिषीय उपायों से इस समय के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।