नए साल का पहला चोर पंचक, 3 से 7 जनवरी 2025 तक, जानिए इन दिनों का ज्योतिषीय महत्व
- In मुख्य समाचार 2 Jan 2025 3:51 PM IST
साल 2025 के आगमन के साथ ही नया पंचक भी शुरू होने जा रहा है। इस बार का पहला पंचक, जिसे ज्योतिष शास्त्र में "चोर पंचक" कहा जाता है, 3 जनवरी से 7 जनवरी तक रहेगा। पंचक की अवधि को ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष माना जाता है, और इस दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है।
क्या है पंचक और चोर पंचक का अर्थ?
पंचक वह समय होता है जब चंद्रमा कुम्भ और मीन राशियों में प्रवेश करता है और पांच दिनों तक इन्हीं राशियों में रहता है। पंचक के पांच प्रकार होते हैं: चोर, रोग, अग्नि, मृत्यु, और राज पंचक। इनमें से "चोर पंचक" को अशुभ माना जाता है क्योंकि इसका संबंध चोरी, हानि, और अनिश्चितताओं से जोड़ा जाता है।
चोर पंचक 2025 का समय और अवधि
शुरुआत: 3 जनवरी 2025, सुबह
समाप्ति: 7 जनवरी 2025, रात
यह अवधि पांच दिनों तक चलेगी, और इसे ज्योतिषीय रूप से सावधानी बरतने का समय माना जाता है।
पंचक में किन कार्यों से बचना चाहिए?
पंचक, विशेषकर चोर पंचक, के दौरान कुछ कार्यों को अशुभ माना जाता है।
1. नई संपत्ति खरीदने से बचें:
इस अवधि में कोई नया घर, वाहन या मूल्यवान वस्तु खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे हानि का डर रहता है।
2. यात्रा करने से बचें:
लंबी दूरी की यात्राओं को टालने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसमें बाधा या हानि होने की संभावना होती है।
3. नए कार्य की शुरुआत:
शादी, गृह प्रवेश, या अन्य शुभ कार्यों को पंचक समाप्त होने के बाद करने की सिफारिश की जाती है।
4. लकड़ी और ईंधन का संग्रह:
पंचक में लकड़ी इकट्ठा करने या इससे जुड़े कार्यों को अशुभ माना जाता है।
चोर पंचक के दौरान क्या करें?
हालांकि पंचक के दौरान कुछ कार्यों को करने से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन इस समय सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए उपाय किए जा सकते हैं।
●हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
●भगवान शिव और विष्णु की आराधना करें।
●गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें।
पंचक का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
हालांकि पंचक का आधार ज्योतिषीय है, लेकिन यह एक खगोलीय घटना पर आधारित है। इस दौरान चंद्रमा की स्थिति और उसकी पृथ्वी पर ऊर्जा का प्रभाव प्रमुख कारण माना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, यह हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है।
ज्योतिषीय दृष्टि से सावधानी का समय
पंचक का समय न केवल व्यक्तिगत जीवन बल्कि सामाजिक और व्यावसायिक दृष्टि से भी सतर्कता बरतने का संकेत देता है। हालांकि यह काल अशुभ नहीं होता, लेकिन इसमें अनुचित कार्यों से बचकर जीवन में संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
नए साल का पहला पंचक, विशेषकर चोर पंचक, हमें अपनी दिनचर्या और निर्णयों में सावधानी बरतने की याद दिलाता है। यह समय आत्म-अवलोकन और सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का है। पंचक के दौरान किए गए उचित उपाय जीवन को अधिक शुभ और समृद्ध बना सकते हैं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।