आरबीआई ने रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखा, महंगाई पर नियंत्रण बनाए रखने को प्राथमिकता
- In मुख्य समाचार 8 Feb 2024 3:45 PM IST
8 फरवरी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार से शुरू हुई तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद आज रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सुबह 10 बजे एमपीसी के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रहेगी।
यह लगातार छठी बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बेंचमार्क ब्याज दर को पिछली बार फरवरी 2023 में 6.25% से बढ़ाकर 6.5% कर दिया गया था। इससे पहले, मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो दर में 250 आधार अंकों की वृद्धि की गई थी।
गवर्नर दास ने कहा कि एमपीसी ने मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति अभी भी ऊंची है, लेकिन यह धीरे-धीरे कम हो रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुद्रास्फीति 2024-25 की पहली तिमाही में आरबीआई के लक्ष्य सीमा 2-6% के दायरे में आ जाएगी।
दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और 2023-24 में 7% की दर से बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में कुछ अनिश्चितताएं हैं, लेकिन भारत इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।
आरबीआई का यह फैसला मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखने और अर्थव्यवस्था को गति देने के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। गवर्नर दास ने कहा कि एमपीसी ने सभी प्रासंगिक कारकों पर विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया है।
यह फैसला उद्योगों और आम लोगों के लिए राहत की बात है। उद्योगों को उम्मीद है कि इससे ब्याज दरों में कमी आएगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। आम लोगों को उम्मीद है कि इससे मुद्रास्फीति में कमी आएगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई को मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर में वृद्धि करनी चाहिए। उनका कहना है कि मौजूदा ब्याज दरें अभी भी मुद्रास्फीति से कम हैं, जिससे मुद्रास्फीति में और वृद्धि हो सकती है।
आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा अप्रैल 2024 में होगी। तब तक आरबीआई मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर नजर रखेगा और उसके बाद ही रेपो दर में बदलाव करने का फैसला करेगा।