1 अप्रैल 2025 चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन, गणपति उपासना और शुभ योगों का संगम

1 अप्रैल 2025 चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन, गणपति उपासना और शुभ योगों का संगम
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1 अप्रैल 2025, मंगलवार को चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी, जो देर रात 2 बजकर 33 मिनट तक प्रभावी रहेगी। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन के रूप में मनाया जाएगा। नवरात्रि की इस तिथि को देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है, जो समस्त जगत की सृष्टिकर्ता मानी जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन उनकी आराधना करने से साधक को शक्ति, समृद्धि और स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है।

शुभ योग और नक्षत्र

मंगलवार की सुबह 9 बजकर 49 मिनट से प्रीति योग का आरंभ हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में प्रीति योग को सौभाग्य, प्रेम और सफलता प्रदान करने वाला माना गया है। इस योग में किए गए धार्मिक अनुष्ठान और पूजा विशेष रूप से शुभ फलदायी माने जाते हैं। इसके साथ ही, दिन की शुरुआत में 11 बजकर 7 मिनट तक भरणी नक्षत्र रहेगा, जो साहस, ऊर्जा और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। इसके प्रभाव से इस दिन किए गए कार्यों में मजबूती और स्थायित्व आने की संभावना रहेगी।

गणपति उपासना: वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत

1 अप्रैल को विशेष रूप से वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत का पालन किया जाएगा। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है और इसे करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और बाधाओं का नाश होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि मंगलवार के दिन गणेश चतुर्थी आने से इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन व्रत करने वाले भक्त भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक करते हैं और मोदक, दूर्वा, सिंदूर, और गंध से उनका अभिषेक करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से जीवन में सफलता, व्यापार में उन्नति और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की पूजा का महत्व

चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की उपासना की जाती है। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि जब सृष्टि में कुछ भी नहीं था, तब देवी कूष्मांडा ने अपनी दिव्य शक्ति से पूरे ब्रह्मांड की रचना की थी। उनके तेज से ही सूर्य मंडल की उत्पत्ति हुई, जिससे संपूर्ण सृष्टि में ऊर्जा और प्रकाश फैला। इस दिन उनकी साधना करने से साधक को रोग, दुख और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है।

पूजा विधि और उपाय

1 अप्रैल को देवी कूष्मांडा की पूजा के दौरान उनके प्रिय फूल, मालपुए और लाल वस्त्र अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही, इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि देवी कूष्मांडा को सूर्य का ऊर्जा स्रोत कहा जाता है। भक्तों को इस दिन ‘ॐ कूष्मांडायै नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए और गरीबों को अन्न एवं वस्त्र दान करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मंगलवार का ज्योतिषीय प्रभाव

मंगलवार का दिन ग्रहों की दृष्टि से विशेष रूप से मंगल ग्रह से जुड़ा होता है, जो ऊर्जा, साहस और संघर्ष का कारक माना जाता है। इस दिन बजरंगबली की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, भगवान गणेश और देवी दुर्गा की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और सफलता के मार्ग खुलते हैं।

1 अप्रैल 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ है। चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की उपासना, गणेश चतुर्थी व्रत और शुभ योगों का संगम इसे और भी खास बनाता है। इस दिन किए गए धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और पूजा से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त होगा। अतः श्रद्धालु इस अवसर का पूरा लाभ उठाकर देवी कूष्मांडा और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करें।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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