10 साल की कानूनी लड़ाई के बाद सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को मिली जीत, दाऊदी बोहरा समुदाय के धार्मिक नेता बने रहेंगे

10 साल की कानूनी लड़ाई के बाद सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को मिली जीत, दाऊदी बोहरा समुदाय के धार्मिक नेता बने रहेंगे
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10 साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को बड़ी राहत दी है। अदालत ने उनके भतीजे सैयदना ताहिर फखरुद्दीन द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के दाऊदी बोहरा समुदाय के 53वें दाई-अल-मुतलक या धार्मिक नेता के रूप में पदभार संभालने पर सवाल उठाया था।


इस फैसले के साथ, सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन का दाऊदी बोहरा समुदाय के धार्मिक नेता के रूप में पद बरकरार रहेगा।


न्यायाधीश जीएस पटेल ने 500 पन्नों के अपने फैसले में कहा कि सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के दाई के रूप में चयन वैध था और उनके भतीजे सैयदना ताहिर फखरुद्दीन के दावे में कोई दम नहीं था।


यह फैसला दाऊदी बोहरा समुदाय में सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के समर्थकों के लिए बड़ी राहत की बात है। वहीं, सैयदना ताहिर फखरुद्दीन के समर्थकों ने निराशा व्यक्त की है।


गौरतलब है कि सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के पिता, सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन II का 2014 में निधन हो गया था, जिसके बाद सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को 53वें दाई के रूप में चुना गया था।


हालांकि, सैयदना ताहिर फखरुद्दीन ने इस चुनाव को चुनौती देते हुए दावा किया था कि उन्हें ही दाई के रूप में चुना जाना चाहिए था।


यह फैसला दाऊदी बोहरा समुदाय में नेतृत्व को लेकर चल रहे विवाद को खत्म कर सकता है।

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