19 दिसंबर 2024, गुरुवार को अश्लेषा नक्षत्र में चंद्रमा का प्रभाव, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल
- In मुख्य समाचार 18 Dec 2024 4:18 PM IST
19 दिसंबर 2024, गुरुवार को चंद्रमा अश्लेषा नक्षत्र में गोचर करेंगे, जो हिंदू ज्योतिष के अनुसार एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना मानी जाती है। इस दिन के विशेष प्रभाव के कारण कुछ खास शुभ मुहूर्त और राहुकाल निर्धारित होंगे। इस खबर में हम आपको गुरुवार के दिन के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त के समय के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, ताकि आप अपने धार्मिक और शुभ कार्यों की योजना सही समय पर कर सकें।
चंद्रमा का अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश
अश्लेषा नक्षत्र का स्वामी राहु होता है, और यह नक्षत्र स्वभाव से रहस्यमय और गूढ़ होता है। जब चंद्रमा इस नक्षत्र में होते हैं, तो यह मानसिक स्थिति और अंतर्दृष्टि में गहराई को प्रकट करता है। इस समय में व्यक्ति के मन में विचारों की स्पष्टता आ सकती है, और कई मामले सुलझ सकते हैं। यह नक्षत्र आधिकारिक कार्यों, शिक्षा, और मानसिक विकास के लिए उपयुक्त माना जाता है।
19 दिसंबर 2024 का शुभ मुहूर्त
गुरुवार, 19 दिसंबर 2024 को कई महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे। इस दिन विशेष रूप से पूजा-अर्चना, गृह प्रवेश, नया कार्य शुरू करना और शादी-ब्याह के लिए उचित समय हो सकता है। हालांकि, शुभ मुहूर्त की सटीकता का निर्धारण आपके स्थान और अन्य खगोलीय स्थितियों पर निर्भर करेगा, इसलिए अपनी व्यक्तिगत सलाह के लिए ज्योतिषी से मार्गदर्शन लेना बेहतर होगा।
गुरुवार का राहुकाल
राहुकाल एक ऐसा समय होता है जब किसी भी नए कार्य की शुरुआत करने से बचने की सलाह दी जाती है। यह समय नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। 19 दिसंबर 2024 को राहुकाल सुबह 09:30 बजे से 11:00 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य या यात्रा करने से बचना चाहिए।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 07:05 बजे है, जबकि सूर्यास्त 05:34 बजे होगा। इन समयों के दौरान प्राकृतिक ऊर्जा का उच्चतम स्तर होता है, और यह समय विशेष पूजा, ध्यान, और अन्य शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
19 दिसंबर 2024 का दिन गुरुवार विशेष रूप से चंद्रमा के अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश के कारण धार्मिक और खगोलीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इस दिन शुभ मुहूर्त का सही उपयोग करने से कार्यों में सफलता प्राप्त हो सकती है, लेकिन राहुकाल के दौरान किसी भी नए कार्य को शुरू करने से बचना चाहिए। सूर्योदय और सूर्यास्त का समय भी धार्मिक गतिविधियों के लिए अनुकूल रहेगा।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।