20 मार्च 2025 का पंचांग, गुरुवार को अनुराधा नक्षत्र का प्रभाव, जानें दिनभर के शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, 20 मार्च 2025, गुरुवार का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस दिन अनुराधा नक्षत्र का प्रभाव रहेगा, जो कि आध्यात्मिक उन्नति, शक्ति और सफलता से जुड़ा हुआ माना जाता है। इस नक्षत्र के प्रभाव में किए गए कार्य विशेष फलदायी होते हैं। आइए जानते हैं इस दिन के पंचांग, शुभ मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण ज्योतिषीय विवरण।
20 मार्च 2025 का पंचांग
तिथि: चैत्र कृष्ण पक्ष सप्तमी
वार: गुरुवार
नक्षत्र: अनुराधा (रात्रि 10:45 बजे तक), इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र
योग: व्याघात (प्रातः 07:52 बजे तक), फिर हर्षण योग
करण: वणिज (दोपहर 02:24 बजे तक), इसके बाद विष्टि (भद्रा)
सूर्योदय: प्रातः 06:21 बजे
सूर्यास्त: सायं 06:34 बजे
चंद्रमा की स्थिति: वृश्चिक राशि में
🌿 अनुराधा नक्षत्र का प्रभाव
अनुराधा नक्षत्र शनि ग्रह के प्रभाव में आता है और इसे अनुशासन, समर्पण और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। यह नक्षत्र व्यापार, राजनीति, आध्यात्मिक कार्यों और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। इस नक्षत्र में किए गए धार्मिक अनुष्ठान और मंत्र जप अत्यधिक फलदायी माने जाते हैं।
शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 12:04 PM से 12:52 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:20 PM से 06:45 PM
विवाह के लिए शुभ समय: रात्रि 10:45 बजे तक अनुराधा नक्षत्र में विवाह संबंधी कार्य शुभ रहेंगे।
ग्रह-शांति पूजा: हर्षण योग में पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलेगा।
अशुभ समय (राहुकाल और यमगंड काल)
राहुकाल: दोपहर 01:30 PM से 03:00 PM तक (इस दौरान शुभ कार्य करने से बचना चाहिए)।
यमगंड काल: सुबह 06:21 AM से 07:50 AM तक।
गुलिक काल: 09:20 AM से 10:50 AM तक।
इस दिन के विशेष पूजा-पाठ और उपाय
. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करना बेहद शुभ होता है। इस दिन पीले रंग का प्रयोग करने से ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त होती है।
. अनुराधा नक्षत्र में शिव पूजा करना और महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष फलदायी होता है।
. व्यवसाय में उन्नति के लिए इस दिन के शुभ मुहूर्त में पीले वस्त्र पहनकर दान करना लाभदायक रहेगा।
. घर में सुख-समृद्धि के लिए इस दिन केले के वृक्ष की पूजा और उसके नीचे दीप जलाना शुभ माना जाता है।
20 मार्च 2025 का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ रहने वाला है। इस दिन अनुराधा नक्षत्र और हर्षण योग का संयोग होने से यह आध्यात्मिक और भौतिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण बनता है। यदि इस दिन ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त करनी हो तो शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना और दान-पुण्य अवश्य करना चाहिए।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।