2025 का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए तिथि, समय और धार्मिक महत्व

साल 2025 में पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को घटित होगा। हालांकि, यह खगोलीय घटना भारत में दृश्य नहीं होगी, इसलिए इसका धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव सीमित रहेगा। हिंदू धर्म में ग्रहण काल को महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए इस अवधि में विशेष नियमों का पालन करने की परंपरा है। मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ, भोजन और अन्य शुभ कार्यों से परहेज करना चाहिए।
ग्रहण का समय और प्रभाव
29 मार्च 2025 को सूर्य ग्रहण दोपहर 2:21 बजे शुरू होकर शाम 6:14 बजे तक चलेगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। हालांकि, भारत में यह अदृश्य रहेगा, फिर भी धार्मिक दृष्टि से इसकी मान्यताएं प्रासंगिक हैं।
ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?
1. ग्रहण काल में भगवान के नाम का जप और मंत्रों का उच्चारण करना बेहद शुभ माना जाता है।
2. इस समय गंगा जल का छिड़काव करके नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है।
3. ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण न करें, क्योंकि इस समय नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है।
4. गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और ग्रहणकाल में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
ग्रहण के बाद के उपाय
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके शुद्धिकरण करने और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करने से ग्रहों की अशुभता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
भारत में क्यों नहीं दिखेगा यह सूर्य ग्रहण?
ग्रहण का प्रभाव पृथ्वी की भौगोलिक स्थिति और सूर्य-चंद्रमा के संरेखण पर निर्भर करता है। 29 मार्च को पड़ने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत में दिन के उस समय घटित होगा जब सूर्यास्त के करीब होगा, जिससे यह दृश्य नहीं होगा। हालांकि, ज्योतिष के अनुसार इसका प्रभाव कुछ राशियों पर देखने को मिल सकता है।
हालांकि 2025 का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसके प्रभाव से बचने के लिए मंत्र जाप, दान और शुद्धिकरण प्रक्रिया को अपनाना लाभकारी रहेगा। यह समय आत्मचिंतन और आध्यात्मिक साधना के लिए विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।