26 साल पुराने फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वोट के बदले नोट मामले में सुनाया बड़ा फैसला

26 साल पुराने फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वोट के बदले नोट मामले में सुनाया बड़ा फैसला
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यह मामला 1997 का है जब तत्कालीन सांसद जयप्रकाश नारायण यादव ने झारखंड के एक विधायक को रिश्वत देते हुए पकड़ा था। विधायक ने वोट के बदले में पैसे लिए थे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में फैसला सुनाते हुए कहा था कि विधायक और सांसदों को संसदीय कार्यवाही के दौरान मिली विशेषाधिकार (Immunity) के तहत वोट के बदले नोट लेने का मामला मुकदमे में नहीं चलेगा।



सुप्रीम कोर्ट ने 26 साल पुराने फैसले को पलटते हुए कहा है कि वोट के बदले नोट लेना भ्रष्टाचार का एक रूप है और यह संसदीय कार्यवाही के दौरान मिली विशेषाधिकार के दायरे में नहीं आता है। इसका मतलब है कि अब अगर कोई विधायक या सांसद वोट के बदले नोट लेते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकेगा।



यह फैसला लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। यह फैसला यह सुनिश्चित करेगा कि जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार में लिप्त न हों और जनता के प्रति जवाबदेह रहें।

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