शाही स्नान का अंतिम अवसर और महाशिवरात्रि पर त्रिग्रही योग का महत्त्व, 26 फरवरी 2025

26 फरवरी 2025 को त्रिवेणी संगम पर होने वाला शाही स्नान खास महत्व रखता है। इस दिन के विशेष योग में महाशिवरात्रि का आशीर्वाद भी मिलेगा, जब सूर्य, चंद्रमा और शनि का त्रिग्रही योग बनेगा। यह योग सफलता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
त्रिवेणी संगम पर शाही स्नान का आयोजन हर साल लाखों तीर्थयात्रियों के लिए एक धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव बनता है। इस दिन संगम के पवित्र जल में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। खासकर इस दिन बने त्रिग्रही योग के कारण इसे और भी अधिक खास माना जा रहा है।
महाशिवरात्रि और त्रिग्रही योग: महाशिवरात्रि पर सूर्य, चंद्रमा और शनि का त्रिग्रही योग बनना एक दुर्लभ और प्रभावशाली घटना है। यह योग विशेष रूप से शिव पूजा और साधना के लिए लाभकारी माना जाता है। इस समय पूजा करने से व्यक्ति की इच्छाएं पूरी हो सकती हैं, साथ ही साथ जीवन में समृद्धि और सफलता की संभावना भी बढ़ती है। त्रिग्रही योग से व्यक्ति के जीवन में अच्छे परिवर्तन आ सकते हैं और वे अपनी मेहनत से अधिक फल प्राप्त कर सकते हैं।
शाही स्नान का आध्यात्मिक महत्व: संगम में स्नान करने का धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है। इसे पुण्य लाभ, पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति का साधन माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से श्रद्धालु पूरे श्रद्धा भाव से स्नान करके अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
समृद्धि की प्राप्ति: महाशिवरात्रि और त्रिग्रही योग के संयोजन से, यह दिन समृद्धि के लिए उत्तम माना जाता है। इस समय में व्यक्ति को अपनी आस्था, मेहनत और विश्वास को दृढ़ करना चाहिए। त्रिवेणी संगम पर स्नान करने और महाशिवरात्रि की पूजा करने से जीवन में नई दिशा मिल सकती है, साथ ही साथ हर काम में सफलता प्राप्त हो सकती है।
26 फरवरी 2025 को त्रिवेणी संगम पर होने वाला शाही स्नान और महाशिवरात्रि पर बन रहा त्रिग्रही योग एक महान अवसर है। यह समय सफलता, समृद्धि और आत्मिक उन्नति का प्रतीक बन सकता है, यदि व्यक्ति सही आस्था और श्रद्धा के साथ इन अवसरों का लाभ उठाए।
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