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29 मार्च 2025, साल का पहला सूर्य ग्रहण और इसका ज्योतिषीय महत्व

29 मार्च 2025, साल का पहला सूर्य ग्रहण और इसका ज्योतिषीय महत्व

साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण...PS

साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण शनिवार, 29 मार्च को लगने जा रहा है। यह खगोलीय घटना विशेष रूप से ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। सूर्य ग्रहण का असर प्रकृति, मानव जीवन और राशियों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। आइए जानते हैं इस सूर्य ग्रहण की खास बातें, भारत में इसके दर्शन, और इसका ज्योतिषीय महत्व।

सूर्य ग्रहण 2025: कब और कहां होगा दृश्य?

29 मार्च 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा, जिसे पृथ्वी के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा।

ग्रहण का प्रारंभ: सुबह 9:15 बजे

ग्रहण का मध्य: दोपहर 11:05 बजे

ग्रहण का समापन: दोपहर 1:30 बजे

भारत में यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से आंशिक रूप में दिखाई देगा। खासकर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों में लोग इस खगोलीय घटना का अवलोकन कर सकेंगे। ग्रहण का समय हर क्षेत्र में थोड़ा-बहुत भिन्न होगा, लेकिन इसकी अवधि करीब 4 घंटे तक रहने की संभावना है।

सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को महत्वपूर्ण और शक्तिशाली घटना माना जाता है। यह व्यक्ति के जीवन, राशियों और ग्रहों की स्थिति पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

इन राशियों पर पड़ेगा असर:

* मेष (Aries): इस राशि के जातकों को करियर में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। सावधानीपूर्वक निर्णय लेना जरूरी है।

* वृषभ (Taurus): इस ग्रहण का प्रभाव स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन पर पड़ सकता है। योग और ध्यान आपके लिए लाभकारी रहेंगे।

* सिंह (Leo): सूर्य आपकी राशि का स्वामी है, इसलिए ग्रहण का असर गहराई से महसूस होगा। आर्थिक मामलों में सतर्क रहें।

* मकर (Capricorn): कार्यस्थल पर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। संयम और धैर्य बनाए रखें।

लाभकारी राशियाँ:

* कर्क (Cancer): ग्रहण के दौरान पुराने अटके कार्य पूरे होंगे और जीवन में नई ऊर्जा का अनुभव होगा।

* मीन (Pisces): आध्यात्मिक उन्नति और आर्थिक लाभ का समय है।

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?

क्या करें:

1. ध्यान और मंत्र जप करें: ग्रहण के समय भगवान का स्मरण और मंत्र जाप करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

2. दान करें: ग्रहण समाप्ति के बाद गरीबों को दान देना पुण्यकारी माना जाता है।

3. स्नान करें: ग्रहण के बाद गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करने का महत्व है।

क्या न करें:

1. भोजन और जल ग्रहण न करें: ग्रहण के दौरान भोजन और पानी का सेवन वर्जित है।

2. खुले आंखों से ग्रहण न देखें: सूर्य ग्रहण को बिना सुरक्षा उपकरण के देखना हानिकारक हो सकता है।

3. महत्वपूर्ण कार्य टालें: ग्रहण के समय कोई नया कार्य शुरू करना या महत्वपूर्ण निर्णय लेना उचित नहीं माना जाता।

धार्मिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण का महत्व

सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण को एक पवित्र लेकिन संवेदनशील घटना माना गया है। यह समय आत्मचिंतन, प्रार्थना और ध्यान के लिए आदर्श होता है। ग्रहण के दौरान भगवान विष्णु या सूर्य देव की आराधना करना शुभ फलदायी माना जाता है।

ग्रहण का वैज्ञानिक पहलू

वैज्ञानिक दृष्टि से, सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता। इस खगोलीय घटना का अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए सौर मंडल और अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने का एक बेहतरीन अवसर है।

29 मार्च 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण खगोलीय दृष्टि से एक दुर्लभ और अद्भुत घटना है। ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टिकोण से यह ग्रहण जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित कर सकता है। इस दिन सावधानी बरतें, धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लें, और इस खगोलीय घटना का सम्मान करें।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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