29 मार्च 2025 का पंचांग, शनिवार को अमावस्या तिथि का समय, शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त की पूरी जानकारी

29 मार्च 2025 का पंचांग, शनिवार को अमावस्या तिथि का समय, शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त की पूरी जानकारी
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हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 मार्च 2025 का दिन खगोलीय और धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस दिन अमावस्या तिथि का संयोग बन रहा है, जिसे कई शुभ कार्यों और विशेष पूजा-अर्चना के लिए उत्तम माना जाता है। अमावस्या तिथि का प्रभाव हिंदू धर्म में गहरा होता है, क्योंकि यह पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पितृ पूजा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है। इसके अलावा, इस दिन के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय भी खास मायने रखता है। आइए जानते हैं 29 मार्च 2025 के पंचांग से जुड़ी विस्तृत जानकारी।

अमावस्या तिथि का समय और धार्मिक महत्व

अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। इसे पितरों को तर्पण, ध्यान, साधना और दान-पुण्य के लिए शुभ माना जाता है। इसके अलावा, इस तिथि को नकारात्मक ऊर्जा को शांत करने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए भी उपयुक्त माना जाता है।

🔹 अमावस्या तिथि प्रारंभ: 28 मार्च 2025 को रात्रि 11:45 बजे

🔹 अमावस्या तिथि समाप्त: 29 मार्च 2025 को रात्रि 09:10 बजे

इस अवधि में श्रद्धालु अपने पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मणों को भोजन कराने जैसे धार्मिक कार्य कर सकते हैं।

शुभ मुहूर्त (Auspicious Timings)

29 मार्च 2025 को किसी भी शुभ कार्य, पूजा-पाठ या दान-पुण्य करने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी है।

🔹 अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:56 बजे से 12:47 बजे तक

🔹 ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:40 बजे से 05:28 बजे तक

🔹 गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:15 बजे से 06:45 बजे तक

🔹 अमृत काल: सुबह 09:12 बजे से 10:50 बजे तक

इस दिन अमावस्या के कारण कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है, लेकिन पूजा-पाठ और ध्यान-साधना का विशेष महत्व होता है।

राहुकाल (Ashubh Muhurat)

राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है, जिसमें कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने की सलाह नहीं दी जाती। 29 मार्च 2025 को शनिवार के दिन राहुकाल निम्नलिखित समय पर रहेगा:

🔹 राहुकाल: सुबह 09:00 बजे से 10:30 बजे तक

इस दौरान नए कार्य, यात्रा, निवेश या किसी शुभ कार्य से बचने की सलाह दी जाती है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

🔹 सूर्योदय: प्रातः 06:10 बजे

🔹 सूर्यास्त: सायं 06:32 बजे

इन समयों को ध्यान में रखते हुए दिनभर के कार्यों और पूजा-पाठ की योजना बनाई जा सकती है।

29 मार्च 2025 का पंचांग (Panchang Details)

🔹 विक्रम संवत: 2082

🔹 शक संवत: 1946

🔹 मास: चैत्र मास (कृष्ण पक्ष)

🔹 वार: शनिवार

🔹 योग: शिव योग (सुबह 10:10 बजे तक), फिर सिद्ध योग

🔹 नक्षत्र: रेवती नक्षत्र (दोपहर 02:30 बजे तक), फिर अश्विनी नक्षत्र

अमावस्या पर कौन से कार्य करने चाहिए?

अमावस्या तिथि को कुछ विशेष कार्य करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

✅ पितृ तर्पण और पिंडदान: इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करना उत्तम माना जाता है।

✅ गायों को चारा और गरीबों को दान: इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

✅ मंत्र जाप और हवन: नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए भगवान शिव और विष्णु की पूजा करें।

✅ पीपल और तुलसी का पूजन: पीपल के पेड़ की पूजा करने और उसमें जल अर्पित करने से विशेष लाभ होता है।

अमावस्या पर क्या न करें?

❌ इस दिन कोई भी नया कार्य शुरू न करें।

❌ बाल और नाखून न काटें, इससे अशुभ प्रभाव बढ़ सकता है।

❌ वाद-विवाद और नकारात्मक सोच से बचें।

❌ देर रात तक जागने से परहेज करें।

29 मार्च 2025 का पंचांग बताता है कि यह दिन अमावस्या तिथि के कारण धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन शुभ कार्यों के लिए सही मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है। राहुकाल में कोई नया कार्य करने से बचें और पितृ तर्पण, दान-पुण्य तथा आध्यात्मिक कार्यों में संलग्न रहें। सूर्योदय और सूर्यास्त के अनुसार अपनी दिनचर्या तय करें और इस दिन के विशेष महत्व का पूरा लाभ उठाएं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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