5 मार्च 2025 का पंचांग, कृतिका नक्षत्र का प्रभाव, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त की सटीक जानकारी

हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इसके माध्यम से तिथि, नक्षत्र, योग और करण की सटीक गणना की जाती है। पंचांग के अनुसार 5 मार्च 2025, बुधवार को दिनभर कृतिका नक्षत्र का प्रभाव रहेगा, जिससे यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण बन जाता है। इस दिन विभिन्न शुभ कार्यों के लिए विशेष मुहूर्त बन रहे हैं। साथ ही, सूर्योदय और सूर्यास्त का सही समय जानना भी आवश्यक होता है, ताकि दिन की योजना बनाई जा सके।
कृतिका नक्षत्र का प्रभाव और विशेषता
कृतिका नक्षत्र को हिंदू ज्योतिष में अग्नि तत्व से संबंधित माना जाता है। यह नक्षत्र सूर्य और अग्नि के प्रभाव को दर्शाता है, जिससे इस दिन किए गए कार्यों में ऊर्जा और जोश बना रहता है। इसके अलावा, यह नक्षत्र बल, साहस और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है।
कृतिका नक्षत्र में किए गए कार्यों के लाभ:
नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है।
आध्यात्मिक साधना और मंत्र सिद्धि के लिए उत्तम समय होता है।
जमीन, संपत्ति और व्यापारिक लेन-देन के लिए यह दिन फलदायी माना जाता है।
चिकित्सा और उपचार से जुड़े कार्यों में सफलता मिलती है।
हालांकि, कुछ कार्यों के लिए कृतिका नक्षत्र अशुभ भी माना जाता है, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या किसी नई यात्रा की शुरुआत। इसलिए शुभ मुहूर्त देखकर ही कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना चाहिए।
5 मार्च 2025 के शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जो विभिन्न धार्मिक और मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त होंगे।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:58 से दोपहर 12:46 तक
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:56 से 5:45 तक
अमृत काल: दोपहर 3:30 से 5:10 तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:45 से 6:10 तक
इन मुहूर्तों में पूजा-पाठ, मंत्र जप, हवन, और नए कार्यों की शुरुआत करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 6:38 बजे
सूर्यास्त: शाम 6:22 बजे
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय को ध्यान में रखते हुए दैनिक पूजा, जप और अन्य धार्मिक कार्यों को संपन्न किया जा सकता है।
5 मार्च 2025 के राहु काल और अशुभ मुहूर्त
हर दिन की तरह, इस दिन भी कुछ अशुभ समय होते हैं, जिनमें शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
राहु काल: दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक
यमगंड काल: सुबह 8:00 से 9:30 बजे तक
गुलिक काल: सुबह 10:30 से 12:00 बजे तक
इन अशुभ समयों में किसी नए कार्य की शुरुआत या किसी महत्वपूर्ण निर्णय को लेने से बचना चाहिए।
5 मार्च 2025 को कौन-कौन से व्रत और पर्व मनाए जाएंगे?
गणपति व्रत: बुधवार को गणपति पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
संकष्टी चतुर्थी (यदि तिथि अनुसार लागू हो): यह व्रत संतान सुख और संकट निवारण के लिए रखा जाता है।
शिव पूजा: कृतिका नक्षत्र में भगवान शिव की आराधना विशेष लाभकारी होती है।
हनुमान चालीसा का पाठ: बुधवार को हनुमान जी की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन कृतिका नक्षत्र के प्रभाव के कारण कार्यों में ऊर्जा और सकारात्मकता बनी रहेगी। शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य सफल होंगे, जबकि राहु काल और अन्य अशुभ समय में किसी भी नए कार्य को करने से बचना चाहिए। सूर्योदय और सूर्यास्त का समय ध्यान में रखकर पूजा-अर्चना करने से विशेष लाभ मिलेगा। इस दिन भगवान शिव, गणेश जी और हनुमान जी की आराधना करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होंगी और शुभ फल प्राप्त होंगे।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।