9 फरवरी 2025, रवि प्रदोष व्रत के महत्व और इस दिन क्या न करें
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फरवरी माह का पहला प्रमुख व्रत त्रयोदशी तिथि पर 9 फरवरी को पड़ रहा है, और इस दिन रविवार का संयोग बन रहा है। इस कारण इसे विशेष रूप से "रवि प्रदोष व्रत" के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है। हिंदू धर्म में इस दिन का अत्यधिक महत्व है, और इसे संतान सुख, धन की वृद्धि, और जीवन में समृद्धि के लिए किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से संध्या समय में भगवान शिव की पूजा की जाती है, जोकि उनके भक्तों के लिए एक शुभ अवसर है।
रवि प्रदोष व्रत का महत्व:
यह व्रत भगवान शिव के पूजन के लिए खास है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान शिव अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। प्रदोष व्रत का दिन विशेष रूप से भगवान शिव के प्रिय दिन होते हैं, और इस दिन किए गए उपायों और पूजा से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए जाते हैं।
क्या न करें इस दिन:
1. झगड़ा और विवाद से बचें: इस दिन किसी से भी विवाद करना या झगड़ा करना अशुभ माना जाता है। भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को बनाए रखने के लिए मानसिक शांति और संयम जरूरी है।
2. मांसाहारी भोजन से बचें: प्रदोष व्रत के दिन मांसाहारी भोजन से दूर रहना चाहिए। विशेष रूप से भगवान शिव के पूजन में शाकाहारी आहार को प्राथमिकता दी जाती है।
3. दीन-हीन से संपर्क न करें: इस दिन किसी निर्धन या दुर्बल व्यक्ति से अपमानजनक बर्ताव या व्यवहार करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह शिव जी की नाराजगी का कारण बन सकता है।
4. नशीले पदार्थों से दूर रहें: किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन इस दिन नहीं करना चाहिए। यह आपकी मानसिक शांति को भंग कर सकता है और व्रत के उद्देश्य से विपरीत हो सकता है।
5. कामकाजी तनाव से बचें: इस दिन व्यस्तता और कामकाजी तनाव से बचने की कोशिश करें। जितना संभव हो सके, अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
रवि प्रदोष व्रत एक ऐसा अवसर है जब आप भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अपने जीवन में सुधार ला सकते हैं। इस दिन से जुड़ी सभी विशेषताओं और नियमों का पालन करके आप अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकते हैं। इस व्रत के दौरान संयम और श्रद्धा सबसे महत्वपूर्ण हैं, ताकि भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सके।
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