अक्षय तृतीया 2025, 30 अप्रैल को पूरे दिन रहेगा शुभ समय, जानें अबूझ मुहूर्त में क्यों विशेष मानी जाती है यह तिथि

अक्षय तृतीया 2025, 30 अप्रैल को पूरे दिन रहेगा शुभ समय, जानें अबूझ मुहूर्त में क्यों विशेष मानी जाती है यह तिथि
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हिंदू पंचांग में अक्षय तृतीया का दिन अत्यंत पावन और मंगलकारी माना गया है। इसे ऐसा अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, जब बिना किसी ज्योतिषीय गणना या विशेष मुहूर्त के भी सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। शादी, सगाई, गृह प्रवेश, वाहन या संपत्ति की खरीद, नया व्यापार शुरू करना या फिर कोई अन्य शुभ कार्य – हर चीज के लिए अक्षय तृतीया का दिन सर्वोत्तम माना गया है। इस वर्ष यह शुभ पर्व 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा, जो बुधवार का दिन है।

क्या है अक्षय तृतीया का महत्व?

अक्षय तृतीया को अक्ती या अखती भी कहा जाता है। 'अक्षय' का अर्थ है – कभी न खत्म होने वाला। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किया गया कोई भी पुण्य कार्य अनंत फलदायी होता है और उसका प्रभाव जीवन भर बना रहता है। यही कारण है कि यह दिन दान, तप, पूजा, जप, यज्ञ, विवाह और खरीदारी जैसे कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है।

क्यों कहा जाता है अबूझ मुहूर्त?

अक्षय तृतीया को ‘अबूझ मुहूर्त’ इसीलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती। यह तिथि स्वयं में ही अत्यंत शुभ होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेता युग का प्रारंभ भी इसी दिन हुआ था। भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म भी अक्षय तृतीया को हुआ था।

तिथि और शुभ समय की जानकारी

पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया की तिथि इस वर्ष 29 अप्रैल 2025 को शाम 5:32 बजे शुरू होगी और अगले दिन 30 अप्रैल को दोपहर 2:13 बजे तक चलेगी। हालांकि उदया तिथि यानी सूर्योदय के समय जो तिथि प्रभावी होती है, उसी के अनुसार पर्व मनाया जाता है। इस आधार पर अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी।

इस दिन पूरा दिन खरीदारी, निवेश, और नए कार्यों की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ रहेगा। इस दिन सोना-चांदी, ज़मीन, वाहन या कोई भी नई वस्तु खरीदना बेहद लाभकारी माना जाता है।

सोना-चांदी की खरीद का महत्व

अक्षय तृतीया पर धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सोना या चांदी खरीदने से घर में वित्तीय स्थिरता और सुख-समृद्धि का वास होता है। यह परंपरा केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि भावी सुरक्षा और निवेश की दृष्टि से भी लाभकारी मानी जाती है।

अक्षय तृतीया पर कौन से कार्य करें?

विवाह और सगाई

नया व्यापार या स्टार्टअप शुरू करना

वाहन या प्रॉपर्टी की खरीद

जनेऊ, मुंडन जैसे संस्कार

सोना-चांदी, बहुमूल्य धातुओं की खरीद

गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान

पितरों के लिए जल तर्पण और पिंडदान

अक्षय तृतीया 2025 केवल एक पर्व नहीं, बल्कि जीवन में शुभता और समृद्धि के प्रवेश का दिन है। अगर आप किसी बड़े कार्य की योजना बना रहे हैं, तो इस दिन को चुनना आपके लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है। 30 अप्रैल को पूरे दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा, इसलिए यह दिन आत्मविश्वास के साथ कोई भी शुभ काम शुरू करने का श्रेष्ठ अवसर प्रदान करता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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