आमलकी एकादशी 2025, 10 मार्च को मिलेगा भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा, जानें व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त

आमलकी एकादशी 2025, 10 मार्च को मिलेगा भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा, जानें व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त
X

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है, और इन व्रतों में से आमलकी एकादशी को अत्यंत शुभ माना जाता है। यह एकादशी हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में आती है और इसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ बताया गया है। इस दिन व्रत और पूजन करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

आमलकी एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ: 09 मार्च 2025, रात

एकादशी तिथि समाप्त: 10 मार्च 2025, रात

पारण (व्रत खोलने का समय): 11 मार्च 2025 (सूर्योदय के बाद)

(समय स्थान के अनुसार भिन्न हो सकता है, इसलिए स्थानीय पंचांग अवश्य देखें।)

आमलकी एकादशी का महत्व

आमलकी एकादशी का व्रत रखने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि भगवान विष्णु की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इसे देवी लक्ष्मी का निवास स्थान माना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की भक्ति करने से व्यक्ति को धन, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, जीवन की परेशानियां और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती हैं।

आमलकी एकादशी पर किए जाने वाले शुभ कार्य

1. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा

सुबह स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी का ध्यान करें।

विष्णु सहस्रनाम और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।

घर में घी का दीपक जलाएं और तुलसी के पत्तों के साथ विष्णु जी को भोग अर्पित करें।

2. आंवले के वृक्ष की पूजा

इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से विशेष फल मिलता है।

वृक्ष के नीचे दीप जलाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।

आंवले के फल का सेवन और दान करना पुण्यकारी होता है।

3. दान-पुण्य करें

इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और आंवला दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

मंदिर में जाकर भगवान विष्णु को पीले फूल और चंदन अर्पित करें।

आमलकी एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु आंवले के पेड़ में निवास करने लगे थे। इस वृक्ष की पूजा करने से भक्तों को विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है। यही कारण है कि इस दिन व्रत करने वालों के सभी पाप नष्ट होते हैं और उन्हें मोक्ष का आशीर्वाद मिलता है।

आमलकी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ उपाय है। इस दिन व्रत, पूजा और दान करने से जीवन में धन, सुख-शांति और समृद्धि आती है। साथ ही, आंवले के वृक्ष की पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। जो लोग इस एकादशी का व्रत रखते हैं, वे जीवन में सफल होते हैं और उनके सभी संकट दूर हो जाते हैं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

Tags:
Next Story
Share it