बसंत पंचमी 2025 2 फरवरी या 3 फरवरी? जानें सही तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी 2025 2 फरवरी या 3 फरवरी? जानें सही तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त
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बसंत पंचमी 2025 की तिथि को लेकर इस साल काफी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कुछ पंचांगों के अनुसार, यह पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा, जबकि कुछ विद्वानों का मत है कि बसंत पंचमी 3 फरवरी को अधिक शुभ रहेगी। ऐसे में, सही तिथि और पूजा के मुहूर्त को जानना बेहद जरूरी हो जाता है।

बसंत पंचमी 2025: सही तिथि को लेकर असमंजस क्यों?

* हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी का पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है।

* पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 2 फरवरी 2025 (शुक्रवार) को दोपहर 02:41 बजे शुरू होकर 3 फरवरी 2025 (शनिवार) को दोपहर 12:09 बजे तक रहेगी।

* चूंकि पंचमी तिथि का उदय 3 फरवरी को हो रहा है, इसलिए कई विद्वानों का मत है कि बसंत पंचमी 3 फरवरी 2025 को मनाई जानी चाहिए।

* वहीं, कुछ पंचांग मानते हैं कि 2 फरवरी को ही शुभ योगों के कारण बसंत पंचमी का आयोजन किया जा सकता है।

बसंत पंचमी 2025: पूजा का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विशेष रूप से सूर्योदय के बाद और मध्यान्ह काल में की जाती है।

2 फरवरी 2025 को पूजा मुहूर्त: सुबह 06:50 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक

3 फरवरी 2025 को पूजा मुहूर्त: सुबह 07:05 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक

यदि बसंत पंचमी को पूरे विधि-विधान से मनाना चाहते हैं, तो पंचमी तिथि के उदयकाल को प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे में 3 फरवरी को पूजा करना अधिक शुभ माना जा सकता है।

बसंत पंचमी पर विशेष योग और महत्व

1. बसंत पंचमी 2025 को कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इसे और खास बना रहे हैं:

2. गुरु पुष्य योग: यह योग विद्या, ज्ञान और व्यापार में उन्नति के लिए बेहद शुभ माना जाता है।

3. सर्वार्थ सिद्धि योग: इस योग में किए गए कार्य शुभ फल देते हैं।

4. अमृत सिद्धि योग: इस दिन किए गए धार्मिक अनुष्ठान और कार्य लंबे समय तक शुभ फल देते हैं।

बसंत पंचमी का महत्व

* बसंत पंचमी को देवी सरस्वती की पूजा का विशेष दिन माना जाता है।

* इस दिन पीले वस्त्र धारण करना, पीले फूल चढ़ाना और केसर मिश्रित प्रसाद का भोग लगाना शुभ होता है।

* इस दिन छोटे बच्चों को पहली बार लेखन (अक्षरारंभ) करवाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

* विद्या, संगीत और कला क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह दिन विशेष फलदायी होता है।

कब मनाएं बसंत पंचमी?

यदि पंचमी तिथि के उदयकाल को प्राथमिकता दी जाए, तो बसंत पंचमी 3 फरवरी 2025 (शनिवार) को मनाना अधिक उचित रहेगा। लेकिन यदि आप 2 फरवरी को शुभ योगों का लाभ उठाकर पूजा करना चाहते हैं, तो यह भी मान्य है। आप अपनी परंपरा और विश्वास के अनुसार बसंत पंचमी की पूजा कर सकते हैं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार उदय तिथि को अधिक प्राथमिकता दी जाती है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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