चैत्र माह की भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

हिंदू धर्म में हर माह आने वाली संकष्टी चतुर्थी विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा की आराधना कर सुख-समृद्धि और बाधाओं से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। चैत्र मास की संकष्टी चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है, और इस बार यह तिथि 17 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा करने के साथ-साथ उपवास रखने से जीवन में सफलता और शुभ फल प्राप्त होते हैं।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 17 मार्च 2025 को सुबह 08:52 बजे होगा और इसका समापन 18 मार्च 2025 को प्रातः 07:15 बजे होगा। चूंकि चतुर्थी का व्रत चंद्रोदय के समय खोला जाता है, इसलिए चंद्रोदय का समय रात 09:10 बजे रहेगा। भक्त इस समय भगवान गणेश की पूजा कर अपना व्रत पूर्ण कर सकते हैं।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
* प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
* गणपति बप्पा की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें लाल फूल, दूर्वा और मोदक अर्पित करें।
* गणेश जी को सिंदूर, अक्षत और चंदन लगाकर दीप जलाएं।
* व्रत कथा का पाठ करें और गणेश चालीसा का पाठ करें।
* रात को चंद्रोदय के बाद गणेश जी को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करें।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का महत्व
इस चतुर्थी का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि यह गणपति बप्पा के भालचंद्र स्वरूप को समर्पित होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने और कठिन उपवास रखने से संकटों से मुक्ति मिलती है, घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत के लाभ
. कर्ज और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
. पारिवारिक जीवन में सुख-शांति आती है।
. संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपतियों को लाभ मिलता है।
. मानसिक शांति और बाधाओं से छुटकारा मिलता है।
इस बार भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ रही है, जो स्वयं भगवान गणेश का दिन होता है, इसलिए इस व्रत का प्रभाव दोगुना होगा। यदि विधि-विधान से गणपति जी की पूजा की जाए, तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।