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केंद्रीय मंत्री #AnanthKumar का निधन, ऐसा रहा उनका राजनितिक सफ़र

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बेंगलुरू. सोमवार तड़के पीएम...Public Khabar

बेंगलुरू. सोमवार तड़के पीएम नरेन्द्र मोदी के कैबिनेट के अहम् सदस्य और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का निधन हो गया है. वे कैंसर से पीड़ित थे और बीती रात करीब डेढ़ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. वे 59 साल के थे. इससे पहले अनंत कुमार का लंदन और न्यूयॉर्क में इलाज चला और बीती 20 अक्टूबर को उन्हें बेंगलुरू के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था. पीएम नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है.





प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शोक संदेश में लिखा है कि अनंत कुमार एक बेहतरीन नेता थे जो अपने युवा काल में ही पब्लिक लाइफ में आ गए थे. उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ समाज की सेवा की. उन्हें अच्छे कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाएगा.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और परिवार के पार्टी अपनी संवेदना प्रकट की


अनंत कुमार दक्षिण से आते थे, लेकिन वे उत्तर प्रदेश, बिहार समेत उत्तर और मध्य भारत के कई राज्यों की राजनीति में बीजेपी संगठन की ओर से सक्रिय थे. वे लोकसभा चुनाव 2014 और यूपी में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से सक्रिय रहे और कई रैलियां की थीं.

अनंत कुमार कर्नाटक की राजनीति में बीजेपी के बड़े चेहरे और राष्ट्रीय नेता के तौर पर पहचाने जाते थे. उन्होंने अपना सियासी सफर अस्सी के दशक में शुरू किया, जब बीजेपी का गठन हुआ था. कर्नाटक के बेंगलुरु दक्षिण से बीजेपी की टिकट पर अनंत कुमार ने कांग्रेस के उम्मीदवार नंदन निलकेणी को हराया हैं.

अनंत कुमार बैंगलोर दक्षिण से लगातार छठी बार सांसद चुनाव जीत हासिल की है. इसके बाद मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. इससे पहले अटल सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालय का जिम्मा भी संभाला था. हालांकि उन्हें बीजेपी के दिग्गज नेता एलके आडवाणी के सबसे करीबी नेताओं में गिना जाता रहा है.




1987 में कर्नाटक बीजेपी के सचिव बने. इसके बाद 1996 में बेंगलुरु साउथ से पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया तो खरे उतरे और चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. इसके बाद उन्होंने पलटकर नहीं देखा, राजनीतिक की सीढ़ियां लगातार चढ़ते गए.

अटल बिहारी वाजेपीय के नेतृत्व में जब 1998 में पहली बार सरकार बनी तो दक्षिण भारत के कोटे से अनंत कुमार को मंत्री बनाया गया. अटल सरकार में उड्डयन मंत्री बनाए गए. इसके बाद 1999 में चुनाव में जीते तो वाजपेयी सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली.

हालांकि, कर्नाटक की सियासी जंग फतह करने के लिए बीजेपी ने 2003 में उन्हें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी. इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में छठी बार लोकसभा सदस्य चुने गए. मोदी सरकार में पहले उन्हें रसायन और खाद मंत्री बनाया गया, लेकिन जुलाई 2016 में संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा भी सौंप दिया गया, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया.

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