29 मार्च 2025 चैत्र अमावस्या का शुभ अवसर, जानें पूजा विधि, पितृ तर्पण और उपाय

29 मार्च 2025 चैत्र अमावस्या का शुभ अवसर, जानें पूजा विधि, पितृ तर्पण और उपाय
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हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। इसे पितरों की तिथि माना जाता है, जब पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। इस वर्ष चैत्र अमावस्या 29 मार्च 2025, शनिवार को पड़ रही है, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस दिन भगवान शिव की पूजा, दान-पुण्य और पितृ तर्पण करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

चैत्र अमावस्या 2025 का महत्व

अमावस्या तिथि को हिंदू धर्म में शुभ और पुण्यदायी माना जाता है। यह तिथि खासकर पितरों की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान, व्रत, और जप-तप का कई गुना फल मिलता है। चैत्र अमावस्या का संयोग शनिवार के दिन पड़ने के कारण यह शनैश्चरी अमावस्या के रूप में भी जानी जाएगी, जिससे इस दिन शनि देव की विशेष पूजा करने से जीवन की बाधाएं समाप्त हो सकती हैं।

पितृ तर्पण और पितृ सूक्तम् का पाठ

चैत्र अमावस्या पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी या किसी जल स्रोत में पितरों का तर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। यदि किसी को श्राद्ध कर्म का ज्ञान नहीं है, तो वह पितृ सूक्तम् का पाठ कर सकता है। यह वेदों में वर्णित एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जिससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों पर कृपा बनाए रखते हैं।

पितृ तर्पण के लाभ:

पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है।

जीवन की बाधाएं कम होती हैं।

धन-धान्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

मानसिक शांति और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है।

चैत्र अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा

चैत्र अमावस्या को शिव जी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन शिवलिंग का अभिषेक करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भगवान शिव को जल, दूध, शहद, और बेलपत्र अर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शिव पूजन की विधि:

प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें।

बेलपत्र, धतूरा, और सफेद फूल शिव जी को चढ़ाएं।

"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें।

धूप-दीप जलाकर शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें।

जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।

चैत्र अमावस्या 2025 के उपाय

गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें – इससे पितरों की कृपा बनी रहती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

काले तिल का जल में प्रवाह करें – इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और दुर्भाग्य दूर होता है।

पीपल के वृक्ष की पूजा करें – पीपल की जड़ में जल अर्पित कर सात बार परिक्रमा करने से पितृ दोष समाप्त होता है।

शनिदेव की पूजा करें – चूंकि यह शनैश्चरी अमावस्या भी है, इसलिए शनिदेव को तिल का तेल चढ़ाना लाभकारी रहेगा।

गाय को हरा चारा और कुत्तों को रोटी खिलाएं – इससे घर में शांति बनी रहती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

चैत्र अमावस्या एक महत्वपूर्ण तिथि है, जिसमें शिव पूजन, पितृ तर्पण, और दान-पुण्य करने से विशेष लाभ मिलता है। इस वर्ष यह शनैश्चरी अमावस्या के संयोग में पड़ रही है, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस दिन सरल उपायों को अपनाकर जीवन की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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