चैत्र नवरात्रि 2025 अष्टमी तिथि का शुभ संयोग, जानें कन्या पूजन का महत्व, तिथि और शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन माँ दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना करने से भक्तों को अद्भुत लाभ मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अष्टमी के दिन कन्या पूजन का विशेष विधान है, जिसे संपन्न करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इस दिन छोटी कन्याओं को भोजन कराना और उन्हें उपहार स्वरूप वस्त्र या अन्य सामग्री भेंट करना बहुत शुभ माना जाता है।
इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 5 अप्रैल 2025, शनिवार को पड़ेगी, जो भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर लेकर आएगी। आइए जानते हैं इस शुभ दिन का पंचांग, कन्या पूजन का महत्व, और अष्टमी पूजन के शुभ मुहूर्त।
अष्टमी तिथि 2025: कब से कब तक रहेगी?
🔹 अष्टमी तिथि प्रारंभ: 4 अप्रैल 2025, रात 08:12 बजे
🔹 अष्टमी तिथि समाप्त: 5 अप्रैल 2025, रात 07:26 बजे
इसका अर्थ है कि 5 अप्रैल को पूरे दिन अष्टमी तिथि का प्रभाव रहेगा, और भक्तजन इसी दिन माता महागौरी की पूजा-अर्चना के साथ-साथ कन्या पूजन कर सकते हैं।
अष्टमी पर कन्या पूजन का महत्व
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करना हिंदू धर्म में एक अत्यंत शुभ और पवित्र परंपरा मानी जाती है। यह पूजन नवदुर्गा के रूप में कन्याओं की आराधना का प्रतीक है।
✔️ मान्यता है कि छोटी कन्याओं में माँ दुर्गा का वास होता है, इसलिए उन्हें भोजन कराना और सम्मान देना भक्तों के लिए असीम पुण्यदायी होता है।
✔️ कन्या पूजन करने से माँ दुर्गा की कृपा बनी रहती है और व्यक्ति को जीवन में धन, सुख और ऐश्वर्य प्राप्त होता है।
✔️ यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है, जो विवाह, संतान, करियर और आर्थिक सफलता के लिए देवी माँ का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।
✔️ नवरात्रि के दौरान नव कन्याओं को भोजन कराने से व्यक्ति को संपूर्ण नवरात्रि व्रत का पुण्य प्राप्त होता है।
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
🔸 शुभ समय: 11:59 AM से 12:49 PM तक
इस अवधि में कन्या पूजन करने से सबसे अधिक लाभ और देवी माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अष्टमी पूजन और कन्या भोज की विधि
1️⃣ सर्वप्रथम अपने घर या मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें और उन्हें गंगा जल से स्नान कराएं।
2️⃣ सिंदूर, लाल चुनरी, अक्षत, चंदन, पुष्प और धूप-दीप से माता महागौरी की विधिवत पूजा करें।
3️⃣ इसके बाद 9 कन्याओं और एक लंगुर (बालक) को आमंत्रित करें।
4️⃣ कन्याओं के चरण धोकर उन्हें स्वच्छ स्थान पर बैठाएं।
5️⃣ भोजन में हलवा, पूरी, चने और फलाहार प्रदान करें।
6️⃣ भोजन के बाद कन्याओं को उपहार और दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
7️⃣ अंत में माता का ध्यान करें और प्रार्थना करें कि उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति बनी रहे।
अष्टमी तिथि पर क्या करें और क्या न करें?
✅ ये करें:
✔️ कन्या पूजन करें और छोटी कन्याओं का सम्मान करें।
✔️ जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
✔️ मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और महागौरी की पूजा करें।
✔️ उपवास रखने वाले इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
❌ ये न करें:
❌ किसी का अपमान न करें, विशेष रूप से महिलाओं और कन्याओं का।
❌ इस दिन तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा का सेवन न करें।
❌ किसी भी तरह की नकारात्मक सोच और गलत कर्मों से बचें।
अष्टमी के दिन इन राशियों को मिलेगा विशेष लाभ
इस दिन की खास ऊर्जा कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ साबित होगी।
🔹 मेष राशि: करियर में नए अवसर मिल सकते हैं, धन वृद्धि होगी।
🔹 वृषभ राशि: मानसिक शांति मिलेगी, पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा।
🔹 कर्क राशि: रुके हुए काम पूरे होंगे, आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
🔹 सिंह राशि: नौकरी और व्यापार में उन्नति होगी, नए प्रोजेक्ट्स में सफलता मिलेगी।
🔹 मकर राशि: लंबी यात्रा के योग बन सकते हैं, परिवार में खुशियां आएंगी।
चैत्र नवरात्रि 2025 की अष्टमी तिथि अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण दिन है, जो भक्तों के लिए विशेष फलदायी होती है। इस दिन माता महागौरी की पूजा और कन्या पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और मानसिक शांति प्राप्त होती है। जो भी व्यक्ति माँ दुर्गा की कृपा पाना चाहते हैं, उन्हें इस दिन विशेष रूप से कन्या पूजन करना चाहिए और माँ की उपासना विधिपूर्वक करनी चाहिए।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।