30 मार्च से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, इस बार हाथी पर आएंगी मां दुर्गा, जानें शुभ संकेत और महत्त्व

30 मार्च से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, इस बार हाथी पर आएंगी मां दुर्गा, जानें शुभ संकेत और महत्त्व
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हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। वर्ष में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे अधिक माना जाता है। चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ इस वर्ष 30 मार्च 2025 से हो रहा है, और यह पर्व भक्तों के लिए बेहद शुभ संयोग लेकर आ रहा है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिससे भक्तों को शक्ति, ज्ञान और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ संकेत माना जाता है।

क्या दर्शाता है माता दुर्गा का हाथी पर आगमन?

शास्त्रों के अनुसार, जब भी नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की सवारी हाथी होती है, तो यह वर्ष जल संपदा और समृद्धि का संकेत देता है। हाथी को पराक्रम, बुद्धिमत्ता और शांति का प्रतीक माना जाता है। इसका अर्थ है कि आने वाला समय सुख-समृद्धि से भरा रहेगा, वर्षा अच्छी होगी, कृषि उत्पादन बढ़ेगा और समाज में शांति का वातावरण बना रहेगा।

इसके अलावा, हाथी पर माता का आगमन प्रशासन और शासन में स्थिरता का संकेत भी देता है। इसका तात्पर्य है कि देश-दुनिया में संतुलन बना रहेगा और आर्थिक स्थिति सशक्त होगी। विशेष रूप से उन लोगों के लिए यह समय लाभकारी होगा, जो व्यवसाय, शिक्षा या कृषि से जुड़े हुए हैं।

चैत्र नवरात्रि 2025 का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

चैत्र नवरात्रि हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक होती है। इस समय सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, जिससे नए कार्यों की शुरुआत के लिए यह समय अत्यंत शुभ होता है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, जिसमें कलश स्थापना के साथ देवी दुर्गा का आह्वान किया जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार नवरात्रि के दौरान ग्रहों की विशेष स्थिति भी देखने को मिलेगी। माता दुर्गा की कृपा पाने के लिए इस समय व्रत, पूजन और साधना का विशेष महत्व रहेगा। यह समय आत्मचिंतन, आध्यात्मिक उन्नति और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए आदर्श माना जाता है।

नवरात्रि के दौरान करें ये विशेष उपाय

* कलश स्थापना और अखंड ज्योत: नवरात्रि के पहले दिन घर में कलश स्थापना कर अखंड ज्योत जलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

* मां दुर्गा की नौ दिनों तक पूजा: प्रत्येक दिन माता के अलग-अलग स्वरूप की आराधना करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

* रुद्राक्ष धारण करें: नवरात्रि के दौरान रुद्राक्ष धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।

* कन्या पूजन करें: अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन से देवी मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

* दान-पुण्य करें: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं और देवी को अर्पित किए गए प्रसाद को अधिक से अधिक लोगों में बांटें।

कैसा रहेगा इस बार का नवरात्रि पर्व?

इस बार नवरात्रि के दौरान कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे यह और अधिक फलदायी होने वाला है। ग्रहों की अनुकूल स्थिति और माता के हाथी पर आगमन से यह नवरात्रि विशेष रूप से शुभ मानी जा रही है। भक्तों को चाहिए कि वे इस पावन समय में श्रद्धा और समर्पण के साथ माता की आराधना करें, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार हो।

चैत्र नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का एक अवसर भी है। माता का आगमन इस बार हाथी पर हो रहा है, जो असीम सुख-समृद्धि और अच्छे भविष्य की ओर संकेत करता है। जो भी भक्त नवरात्रि के दौरान नियमपूर्वक साधना और भक्ति करेगा, उसे माता की विशेष कृपा प्राप्त होगी।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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