30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, खरमास के प्रभाव से इन लोगों को रहना होगा सावधान

30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, खरमास के प्रभाव से इन लोगों को रहना होगा सावधान
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हिंदू पंचांग के अनुसार, 30 मार्च 2025 से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। यह नौ दिनों तक चलने वाला एक पावन पर्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार नवरात्रि का संयोग विशेष है क्योंकि यह खरमास के दौरान पड़ रही है। धार्मिक दृष्टि से खरमास को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है, जिसका प्रभाव कई लोगों के जीवन पर देखने को मिल सकता है। कुछ राशि और वर्ग विशेष के लोगों को इस दौरान विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी, अन्यथा उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि इस बार के चैत्र नवरात्रि और खरमास का प्रभाव किन लोगों पर सबसे अधिक पड़ सकता है।

चैत्र नवरात्रि और खरमास का दुर्लभ संयोग

चैत्र नवरात्रि वसंत ऋतु में मनाई जाने वाली एक प्रमुख धार्मिक परंपरा है, जो हिंदू नववर्ष के साथ आरंभ होती है। यह देवी शक्ति की उपासना का समय होता है, लेकिन इस बार यह पर्व एक विशेष संयोग लेकर आ रहा है। 30 मार्च से प्रारंभ होने वाली नवरात्रि के दौरान सूर्य मीन राशि में स्थित रहेगा, जिसके कारण खरमास लगा रहेगा। खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है, क्योंकि इस अवधि में सूर्य की स्थिति शुभता प्रदान नहीं करती है। यही कारण है कि इस अवधि में कुछ लोगों के जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।

इन लोगों को रहना होगा सतर्क

1. नौकरीपेशा और व्यापारियों के लिए चुनौतियां

जो लोग नौकरी या व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, उनके लिए यह समय कुछ कठिनाइयों से भरा हो सकता है। विशेष रूप से वे लोग जो नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं या अपने व्यापार का विस्तार करना चाहते हैं, उन्हें निराशा हाथ लग सकती है। इस दौरान आर्थिक लेन-देन में सतर्कता बरतनी होगी, क्योंकि गलत निर्णय से नुकसान होने की संभावना बनी रहेगी। यदि कोई नया व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो इसे खरमास के बाद करना ही उचित रहेगा।

2. विवाह योग्य युवक-युवतियों को होगी परेशानी

खरमास के दौरान विवाह करना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में जिन लोगों के विवाह की संभावनाएं बन रही थीं, उन्हें इस दौरान कुछ देरी या अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर जिन लोगों की कुंडली में पहले से ही विवाह में विलंब या ग्रह दोष की समस्या है, उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत होगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, विवाह संबंधी कार्यों के लिए 13 अप्रैल के बाद का समय अधिक अनुकूल रहेगा।

3. स्वास्थ्य को लेकर रहें सतर्क

चैत्र नवरात्रि का समय वैसे तो व्रत और उपवास के लिए शुभ माना जाता है, लेकिन इस बार ग्रहों की स्थिति कुछ लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। खासतौर पर जिन्हें पेट संबंधी रोग, त्वचा विकार या उच्च रक्तचाप की समस्या है, उन्हें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी। उपवास के दौरान अत्यधिक तला-भुना या मिर्च-मसालेदार भोजन करने से बचें और हाइड्रेटेड रहें, ताकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।

4. आर्थिक निर्णयों में बरतें सावधानी

खरमास के दौरान किसी भी बड़े आर्थिक निवेश, प्रॉपर्टी खरीदने या नई गाड़ी लेने से बचना चाहिए। इस अवधि में धन के आगमन में रुकावट आ सकती है, और किसी गलत फैसले के कारण आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। यदि बहुत आवश्यक न हो, तो किसी भी प्रकार की नई आर्थिक योजना को खरमास समाप्त होने के बाद लागू करना बेहतर रहेगा।

इस दौरान क्या करें और क्या न करें?

✅ करें:

नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना करें और रोजाना दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें, जिससे नकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है।

अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें और संतुलित आहार लें।

कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले ज्योतिषीय परामर्श लें।

❌ न करें:

विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार या किसी भी शुभ कार्य को इस दौरान न करें।

अनावश्यक खर्चों से बचें और बड़ी आर्थिक डील करने से पहले सोच-विचार करें।

व्रत के दौरान स्वास्थ्य के साथ लापरवाही न बरतें, विशेष रूप से यदि कोई पुरानी बीमारी हो।

रिश्तों में विवाद से बचें और क्रोध करने से बचें, क्योंकि इस समय संयम रखना ही उचित रहेगा।

30 मार्च से शुरू होने वाली चैत्र नवरात्रि पवित्रता और शक्ति की साधना का समय है, लेकिन इस बार यह खरमास के प्रभाव में रहने वाली है, जिससे कुछ लोगों के लिए यह अवधि चुनौतीपूर्ण हो सकती है। विशेष रूप से नौकरीपेशा लोग, व्यापारी, विवाह योग्य युवक-युवतियां और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोग इस दौरान विशेष सावधानी बरतें। धार्मिक उपायों और सतर्कता के जरिए इस समय को सकारात्मक रूप में बदला जा सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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