चंद्रग्रहण और भद्रा के प्रभाव में मनेगी होली, जानें इसका महत्व और प्रभाव

इस वर्ष होली का त्योहार विशेष खगोलीय घटनाओं के साथ मनाया जाएगा। 14 मार्च 2025 को रंगों की होली खेली जाएगी, लेकिन इस बार यह पर्व चंद्रग्रहण और भद्रा के प्रभाव में होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से यह संयोग महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि ग्रहण और भद्रा का असर धार्मिक और सामाजिक परंपराओं पर पड़ता है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष होली पर पड़ने वाले इन विशेष योगों का क्या प्रभाव रहेगा और इससे बचाव के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं।
चंद्रग्रहण का प्रभाव
चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसे शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता। हालांकि, इस बार का चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन इसका प्रभाव फिर भी रह सकता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ग्रहण के दौरान मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है। इस दौरान किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों, पूजा-पाठ और शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।
भद्रा का साया और इसका महत्व
भद्रा काल में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य करना वर्जित होता है, क्योंकि इसे अशुभ प्रभाव वाला समय माना जाता है। इस वर्ष होली के दिन भद्रा का प्रभाव रहेगा, जिससे होलिका दहन और रंगों की होली पर विशेष ध्यान देना आवश्यक होगा। ऐसी मान्यता है कि भद्रा के समय कोई भी कार्य करने से नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं, इसलिए इस दौरान सतर्क रहना आवश्यक है।
ग्रहण और भद्रा के असर से बचने के उपाय
* ग्रहण के दौरान घर में पूजा-पाठ करने से बचें और मंदिर के कपाट बंद रखें।
* ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और घर की शुद्धि के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।
* भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य, निवेश, नई शुरुआत या बड़े फैसले लेने से बचें।
* होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त का पालन करें और भद्रा काल में इसे करने से बचें।
* हनुमान चालीसा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से नकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है।
होली का पर्व हर्षोल्लास और रंगों का प्रतीक है, लेकिन इस बार चंद्रग्रहण और भद्रा के कारण इस पर्व पर विशेष सावधानी बरतनी होगी। धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण और भद्रा के दौरान कुछ कार्यों से परहेज करने से नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। सही समय और विधि से होलिका दहन एवं होली खेलने से यह पर्व सुख-समृद्धि और खुशियों का संदेश लेकर आएगा।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।