फाल्गुन अमावस्या 2025, पुण्य स्नान, तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व
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हिंदू पंचांग के अनुसार, 27 फरवरी 2025, गुरुवार को फाल्गुन अमावस्या का शुभ अवसर रहेगा। इस तिथि का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इसे मोक्षदायिनी और पवित्र कर्मों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। फाल्गुन अमावस्या पर गंगा स्नान, दान-पुण्य और पितरों का तर्पण करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस दिन देशभर के श्रद्धालु गंगा, यमुना, नर्मदा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य अर्जित करेंगे।
फाल्गुन अमावस्या 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी 2025, रात्रि 11:08 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 27 फरवरी 2025, रात 09:21 बजे
गंगा स्नान एवं दान का शुभ मुहूर्त: सूर्योदय से दोपहर तक सर्वश्रेष्ठ
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को पितरों की तिथि भी कहा जाता है, इसलिए इस दिन पितृ तर्पण, श्राद्ध और ब्राह्मण भोज कराने का विशेष महत्व होता है।
फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक महत्व
✔ पुण्यदायी स्नान: गंगा स्नान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
✔ पितृ तर्पण: इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण करने से परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
✔ दान-पुण्य: गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़ और भोजन दान करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
✔ भगवान शिव की आराधना: इस दिन शिवलिंग का जलाभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है।
✔ सूर्य उपासना: अमावस्या के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस दिन क्या करें और क्या न करें?
✅ करें:
* गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
* भगवान शिव, विष्णु और सूर्य की पूजा करें।
* तिल, गुड़, कंबल, अन्न और वस्त्र का दान करें।
* जरूरतमंदों को भोजन कराएं और गौ सेवा करें।
* ध्यान, योग और मंत्र जाप करें।
❌ न करें:
* किसी का अपमान या बुरी संगति से बचें।
* अमावस्या तिथि पर नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
* इस दिन क्रोध और अहंकार न करें।
* कटु वचन बोलने से बचें।
फाल्गुन अमावस्या 2025 आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत ही शुभ तिथि है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पितृ तर्पण से जीवन में सुख-शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो लोग इस अवसर पर पुण्य कर्म करते हैं, उन्हें न केवल इस जीवन में बल्कि अगले जन्मों में भी शुभ फल प्राप्त होते हैं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।