फाल्गुन मास 2025 जानिए शुभ तिथियां, प्रमुख व्रत-त्योहार और धार्मिक महत्व

फाल्गुन मास 2025 जानिए शुभ तिथियां, प्रमुख व्रत-त्योहार और धार्मिक महत्व
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फाल्गुन मास हिंदू पंचांग का अंतिम महीना होता है, जिसके बाद चैत्र माह से नए वर्ष की शुरुआत होती है। यह माह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दौरान कई प्रमुख व्रत और त्योहार आते हैं। इस साल फाल्गुन मास 13 फरवरी 2025 से 14 मार्च 2025 तक रहेगा।

इस महीने में महाशिवरात्रि, होलाष्टक, होली जैसे बड़े पर्वों के साथ-साथ कई शुभ तिथियां भी पड़ती हैं। आइए जानते हैं फाल्गुन मास 2025 की प्रमुख व्रत-त्योहार सूची और उनके धार्मिक महत्व।

फाल्गुन मास 2025 के पहले सप्ताह के प्रमुख व्रत-त्योहार

1️⃣ विजया एकादशी (3 मार्च 2025, सोमवार)

➡️ यह एकादशी व्रत जीवन में विजय, सफलता और पापों से मुक्ति के लिए रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

2️⃣ प्रदोष व्रत (5 मार्च 2025, बुधवार)

➡️ यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत करने से जीवन में शांति, समृद्धि और कष्टों से मुक्ति मिलती है।

3️⃣ मासिक शिवरात्रि (8 मार्च 2025, शनिवार)

➡️ शिव भक्तों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ होता है। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

4️⃣ आमलकी एकादशी (10 मार्च 2025, सोमवार)

➡️ इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है। इसे भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है।

5️⃣ महाशिवरात्रि (12 मार्च 2025, बुधवार)

➡️ महाशिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार्वती के पावन मिलन का पर्व है। इस दिन रात्रि जागरण, रुद्राभिषेक और शिव चालीसा का पाठ करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।

फाल्गुन मास के धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

✅ फाल्गुन मास में शिव, विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है।

✅ इस महीने में राधा-कृष्ण की आराधना करने से प्रेम, सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।

✅ फाल्गुन मास को उल्लास, रंग और उमंग का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि इसी महीने होली का पर्व आता है।

✅ इस माह में दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है।

फाल्गुन मास में किए जाने वाले विशेष उपाय

🔹 प्रतिदिन प्रातः शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करें।

🔹 विष्णु सहस्रनाम और शिव चालीसा का पाठ करें।

🔹 घर के मंदिर में तुलसी का दीपक जलाएं।

🔹 जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र का दान करें।

🔹 होली से पहले घर में साफ-सफाई और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।

फाल्गुन मास धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण समय होता है। यह न केवल व्रत और पूजा-पाठ का महीना है, बल्कि यह होली जैसे आनंदमय पर्व का भी प्रतीक है। यदि इस माह में सही विधि से पूजा-अर्चना और दान-पुण्य किया जाए, तो जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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