फाल्गुन मास की दुर्गाष्टमी 2025, शुभ संयोग में करें मां दुर्गा की आराधना, संकट होंगे दूर

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन देवी दुर्गा की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। वर्ष 2025 में यह विशेष तिथि कई मंगलकारी योगों के साथ आएगी, जिससे इस दिन की महत्ता और भी बढ़ जाएगी। इस अवसर पर मां दुर्गा की आराधना करने से भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं। मंदिरों में देवी के विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तजन विधिपूर्वक माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
मासिक दुर्गाष्टमी तिथि: फाल्गुन शुक्ल अष्टमी, 2025
अष्टमी तिथि प्रारंभ: … (सटीक समय आने पर अपडेट किया जाएगा)
अष्टमी तिथि समाप्त: … (सटीक समय आने पर अपडेट किया जाएगा)
पूजा का शुभ मुहूर्त: प्रातः … से रात्रि … तक (स्थानीय पंचांग के अनुसार)
इस पावन अवसर पर किए गए पूजा-पाठ का प्रभाव कई गुना अधिक होता है, खासकर तब जब यह तिथि शुभ योगों के साथ संयोग बना रही हो।
फाल्गुन मास की दुर्गाष्टमी पर बन रहे शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 2025 में फाल्गुन मास की दुर्गाष्टमी पर कुछ विशेष योगों का निर्माण हो रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। इन शुभ योगों में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को विशेष कृपा प्राप्त होगी और समस्त कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
संभावित शुभ योग:
सर्वार्थ सिद्धि योग – इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सुकर्मा योग – इस योग में देवी उपासना करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
रवि योग – मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने का यह सर्वोत्तम समय होता है।
इन विशेष संयोगों में देवी दुर्गा की आराधना करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा और जीवन की कठिनाइयां दूर होंगी।
मां दुर्गा की पूजा विधि
फाल्गुन दुर्गाष्टमी पर देवी की आराधना पूरे विधि-विधान से करनी चाहिए। इस दिन विशेष रूप से निम्नलिखित पूजा विधि अपनाई जाती है:
1. स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें और मां दुर्गा की उपासना का संकल्प लें।
2. कलश स्थापना: घर में या मंदिर में पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें और उसमें जल भरें।
3. मां दुर्गा का आह्वान: दीप जलाकर देवी दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठें और “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का जाप करें।
4. सिंदूर, अक्षत और पुष्प अर्पित करें: मां को लाल रंग के वस्त्र, चूड़ी, सिंदूर, चंदन, अक्षत, और फूल अर्पित करें।
5. दुर्गा सप्तशती का पाठ: यदि संभव हो, तो इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या सुनें।
6. हवन और आरती: पूजा के अंत में हवन करें और मां की आरती गाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
7. इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना और कन्या पूजन करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
मासिक दुर्गाष्टमी के लाभ
* मां दुर्गा की कृपा से मन की शांति और आत्मबल बढ़ता है।
* सभी प्रकार के संकट और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
* परिवार में सुख-समृद्धि और सौहार्द बना रहता है।
* इस दिन उपवास करने से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
* देवी की कृपा से व्यापार, करियर और जीवन में उन्नति प्राप्त होती है।
फाल्गुन मास की दुर्गाष्टमी तिथि 2025 में अत्यंत शुभ संयोग लेकर आ रही है। इस दिन भक्तजन पूरी श्रद्धा के साथ मां दुर्गा की उपासना करें और शुभ योगों का लाभ प्राप्त करें। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होगा, जिसमें शामिल होकर भक्त देवी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। संकटों से मुक्ति, मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए इस पावन दिन को पूरे भक्ति भाव से मनाएं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।