फाल्गुन पूर्णिमा 2025, जानें तिथि, स्नान-दान का महत्व और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

फाल्गुन पूर्णिमा 2025, जानें तिथि, स्नान-दान का महत्व और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
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हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। यह दिन आध्यात्मिक साधना, स्नान-दान और व्रत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा 2025 का भी अपना विशेष महत्व है, क्योंकि इसी दिन होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

इस वर्ष, फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च 2025 को प्रातः 10:35 बजे से शुरू होगी और 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे समाप्त होगी। हालांकि, हिंदू पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा का व्रत और अन्य शुभ कार्य उदयातिथि के अनुसार किए जाते हैं, इसलिए फाल्गुन पूर्णिमा का पर्व 14 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

फाल्गुन पूर्णिमा 2025 का महत्व और धार्मिक अनुष्ठान

फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना गया है। इस दिन दान-पुण्य, पूजा-पाठ और उपवास का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से न केवल जीवन में सुख-समृद्धि आती है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा का भी नाश होता है।

स्नान-दान का महत्व:

* शास्त्रों के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, तीर्थ स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

* इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना अत्यंत शुभ माना जाता है। दान में अन्न, वस्त्र, गुड़, तिल और चावल देने से विशेष फल मिलता है।

* इस दिन किए गए दान-पुण्य से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का विशेष योग:

इस बार फाल्गुन पूर्णिमा शुक्रवार के दिन पड़ रही है, जिसे मां लक्ष्मी का दिन माना जाता है।

इस दिन यदि कोई व्यक्ति मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करता है, तो उसके घर में धन और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

घर के उत्तर-पूर्व दिशा में दीप जलाने और "ॐ महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का जाप करने से आर्थिक समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

फाल्गुन पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि

फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 13 मार्च 2025 को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने से मन की शुद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इस दिन व्रत करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनानी चाहिए:

प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।

व्रत के दौरान फलाहार या सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।

चंद्रमा की पूजा करें और चंद्र देव को अर्घ्य दें।

जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।

होलिका दहन 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन (Holika Dahan) भी किया जाता है, जिसे 13 मार्च 2025 को संपन्न किया जाएगा। यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय और नकारात्मकता के अंत का प्रतीक है।

होलिका दहन की पूजा विधि:

संध्या काल में शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाता है।

लकड़ी, उपले (गोबर के कंडे) और सूखी टहनियों से होलिका तैयार करें।

गंगाजल और रोली से पूजन करें और नारियल अर्पित करें।

होलिका में गेंहू की बालियां और नई फसल अर्पित करें।

होलिका की सात बार परिक्रमा करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।

इस दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है। चंद्र देव को जल अर्पित करने और मंत्र जाप करने से मन की शांति और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।

फाल्गुन पूर्णिमा 2025 केवल धार्मिक अनुष्ठानों का ही नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने और जीवन में समृद्धि लाने का भी दिन है। इस दिन स्नान-दान, व्रत, होलिका दहन और मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही, इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से मनोबल और मानसिक शांति प्राप्त होती है। जो भी भक्त इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करता है, उसे सुख-समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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