फाल्गुन पूर्णिमा 2025, जानिए शुभ मुहूर्त, स्नान-दान का महत्व और पूजन विधि

फाल्गुन पूर्णिमा 2025, जानिए शुभ मुहूर्त, स्नान-दान का महत्व और पूजन विधि
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हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह पूर्णिमा 13 मार्च 2025, गुरुवार को सुबह 10:38 बजे से आरंभ होगी और 14 मार्च 2025, शुक्रवार को दोपहर 12:27 बजे तक रहेगी। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत, स्नान और दान 14 मार्च को ही किया जाएगा।

यह पूर्णिमा होली पर्व से भी जुड़ी हुई है, जिसके कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस दिन विशेष रूप से स्नान, दान और हवन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।

फाल्गुन पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

फाल्गुन मास की पूर्णिमा को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन पुण्य अर्जन, आध्यात्मिक शुद्धि और दान-पुण्य के लिए आदर्श समय होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सौभाग्य बना रहता है।

इस दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की विशेष पूजा का विधान है। शास्त्रों में वर्णित है कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से कई जन्मों के पापों का नाश होता है। वहीं, इस दिन दान देने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।

फाल्गुन पूर्णिमा 2025: शुभ मुहूर्त और स्नान-दान का समय

🔹 पूर्णिमा तिथि आरंभ: 13 मार्च 2025, गुरुवार - सुबह 10:38 बजे

🔹 पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 मार्च 2025, शुक्रवार - दोपहर 12:27 बजे

🔹 स्नान और दान का उत्तम समय: 14 मार्च 2025, शुक्रवार - प्रातः काल से दोपहर तक

पूर्णिमा के दिन सूर्योदय काल में स्नान और दान करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

फाल्गुन पूर्णिमा पर क्या करें?

✅ पवित्र नदी में स्नान करें: यदि संभव हो तो गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी या किसी तीर्थस्थल पर स्नान करें। अगर यह संभव न हो, तो घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

✅ दान-पुण्य करें: इस दिन अन्न, वस्त्र, गुड़, तिल, चावल, घी और द्रव्य का दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

✅ भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा करें: इस दिन श्रीहरि विष्णु और चंद्र देव की विशेष पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

✅ सत्यनारायण व्रत कथा करें: इस दिन सत्यनारायण व्रत कथा का आयोजन करना बेहद शुभ माना जाता है।

✅ होम-हवन करें: इस दिन अग्नि में आहुति देने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

✅ सत्संग और कीर्तन करें: धार्मिक ग्रंथों का पाठ, भजन-कीर्तन और भगवद गीता का पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता आती है।

फाल्गुन पूर्णिमा के लाभ

🔹 इस दिन किए गए पुण्य कर्म कई गुना अधिक फलदायी होते हैं।

🔹 स्नान-दान से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

🔹 पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की पूजा से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

🔹 चंद्र दोष से ग्रसित जातकों के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ होता है।

🔹 आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति के लिए इस दिन दान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

फाल्गुन पूर्णिमा 2025 का शुभ संयोग 14 मार्च को पड़ रहा है, जिसमें स्नान-दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु, चंद्र देव और सत्यनारायण भगवान की पूजा करनी चाहिए। दान-पुण्य और हवन के माध्यम से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जा सकता है। अतः इस पावन तिथि पर धार्मिक अनुष्ठान और सेवा कार्य अवश्य करें ताकि ईश्वर की कृपा बनी रहे और जीवन में सुख-समृद्धि आए।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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