फरवरी 2025 दुर्गाष्टमी जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्त्व
फरवरी 2025 दुर्गाष्टमी: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्त्व
हिंदू धर्म में दुर्गाष्टमी का विशेष स्थान है। देवी दुर्गा की अर्चना के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। भक्तजन इस दिन व्रत रखते हैं, माता के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
इस वर्ष माघ शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 5 फरवरी 2025 की रात 2:30 बजे से होगा और यह तिथि 6 फरवरी 2025 को देर रात 12:35 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि को प्राथमिकता देने के कारण दुर्गाष्टमी 6 फरवरी को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं इस पर्व का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका धार्मिक महत्त्व।
फरवरी 2025 दुर्गाष्टमी तिथि व शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ – 5 फरवरी 2025, रात 2:30 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – 6 फरवरी 2025, रात 12:35 बजे
पूजा का शुभ मुहूर्त – 6 फरवरी 2025, प्रातःकाल से लेकर पूरे दिन तक अष्टमी तिथि में पूजा की जा सकती है।
अभिजीत मुहूर्त – 6 फरवरी 2025, दोपहर 12:10 से 12:55 बजे तक
अमृत काल – 6 फरवरी 2025, सुबह 9:30 से 11:00 बजे तक
दुर्गाष्टमी व्रत का महत्त्व
1. दुर्गाष्टमी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
2. यह दिन नवरात्रि के आठवें दिन की तरह शुभ माना जाता है, और इस दिन देवी दुर्गा के विशेष रूप से महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है।
3. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
4. यह व्रत शक्ति, साहस और आत्मबल को बढ़ाने वाला होता है।
दुर्गाष्टमी व्रत और पूजा विधि
* प्रातः स्नान करें – सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
* मंदिर या घर में पूजा स्थल तैयार करें – माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र को साफ स्थान पर स्थापित करें।
* कलश स्थापना करें – जल से भरा कलश स्थापित करें और उसके ऊपर नारियल रखें।
* पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन करें – माता को गंगाजल, अक्षत, चंदन, कुमकुम, पुष्प, धूप और दीप अर्पित करें।
* मंत्र जाप करें – "ॐ दुं दुर्गायै नमः" मंत्र का जाप 108 बार करें।
* सप्तशती पाठ करें – दुर्गा सप्तशती या देवी महात्म्य का पाठ करें।
* भोग लगाएँ – माता को हलवा, पूड़ी, चना और फल अर्पित करें।
* कन्या पूजन करें – छोटी कन्याओं को भोजन कराएं और दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें।
* आरती करें – माता दुर्गा की आरती करें और परिवार सहित प्रसाद ग्रहण करें।
* दान-पुण्य करें – जरूरतमंदों को वस्त्र, भोजन और धन का दान करें।
दुर्गाष्टमी पर करने योग्य विशेष उपाय
1. इस दिन माता दुर्गा के समक्ष लाल पुष्प चढ़ाने से जीवन में उन्नति होती है।
2. दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
3. हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने से शत्रु बाधा दूर होती है।
4. दुर्गा मंदिर में जाकर दीप प्रज्वलित करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
5. मां दुर्गा के 108 नामों का जाप करने से सभी संकट समाप्त होते हैं।
दुर्गाष्टमी व्रत के लाभ
✅ माता दुर्गा की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
✅ रोगों और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
✅ परिवार में शांति और समृद्धि बनी रहती है।
✅ नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
✅ रोजगार और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
✅ परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त होती है।
6 फरवरी 2025 को पड़ने वाली दुर्गाष्टमी का विशेष धार्मिक महत्त्व है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा पूरे विधि-विधान से करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। सही मुहूर्त में पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और सफलता का संचार होता है। इस पावन अवसर पर भक्तजनों को श्रद्धा और विश्वास के साथ मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए।
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