फरवरी 2025 का पहला प्रदोष व्रत जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष योग
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हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर आने वाला प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण उपवास है। इस दिन शिव भक्त विशेष पूजा-अर्चना और व्रत रखते हैं। प्रदोष व्रत का पालन करने से व्यक्ति के सभी कष्टों का नाश होता है और भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। इस वर्ष फरवरी का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी 2025, रविवार को रखा जाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन बनने वाले विशेष योगों के बारे में।
फरवरी 2025 का पहला प्रदोष व्रत कब है?
फरवरी का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी 2025, रविवार को रखा जाएगा। यह दिन शिव भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि रविवार को आने वाला प्रदोष व्रत रवि प्रदोष व्रत कहलाता है, जो विशेष रूप से स्वास्थ्य लाभ और सकारात्मक ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण होता है।
🔹 प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत तिथि प्रारंभ: 9 फरवरी 2025 को सुबह 06:16 बजे
प्रदोष व्रत तिथि समाप्त: 10 फरवरी 2025 को सुबह 08:02 बजे
प्रदोष काल पूजा मुहूर्त: शाम 7:25 बजे से रात 8:49 बजे तक
इस दौरान भगवान शिव की आराधना करने से व्रती को विशेष फल प्राप्त होते हैं।
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे सरल और प्रभावी उपाय है। इस व्रत को करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी आती है। विशेष रूप से रविवार के प्रदोष व्रत का पालन करने से दीर्घायु, रोगों से मुक्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
🔹 प्रदोष व्रत के लाभ:
सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
दांपत्य जीवन में प्रेम और सुख-शांति बनी रहती है।
आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
पित्र दोष और ग्रह दोषों का निवारण होता है।
संतान प्राप्ति और संतान सुख में वृद्धि होती है।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
प्रदोष व्रत में शिव जी की पूजा विशेष रूप से प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद और रात्रि से पहले) में की जाती है। इस दौरान विधि-विधान से पूजा करने से व्रती को कई गुना अधिक फल प्राप्त होते हैं।
🔹 प्रदोष व्रत की पूजा करने का सही तरीका:
स्नान कर साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
शिवलिंग का गंगाजल, दूध और पंचामृत से अभिषेक करें।
बिल्वपत्र, धतूरा, सफेद फूल, चावल और चंदन से शिव जी की पूजा करें।
शिव मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें।
शिव पुराण या शिव चालीसा का पाठ करें।
शिव आरती करें और प्रसाद बांटें।
व्रत समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को भोजन और दान करें।
फरवरी 2025 के प्रदोष व्रत पर बनने वाले विशेष योग
इस बार प्रदोष व्रत पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन की महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है।
🔹 इस दिन बनने वाले प्रमुख योग:
सर्वार्थ सिद्धि योग – यह योग किसी भी कार्य में सफलता दिलाने वाला होता है।
शुभ योग – यह योग धार्मिक कार्यों और दान-पुण्य के लिए उत्तम माना जाता है।
सिद्धि योग – यह योग आध्यात्मिक उन्नति और सिद्धियों की प्राप्ति में सहायक होता है।
इन शुभ योगों में प्रदोष व्रत करने से दोगुना फल प्राप्त होता है और व्यक्ति की मनोकामनाएँ शीघ्र पूर्ण होती हैं।
9 फरवरी 2025, रविवार को आने वाला प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा पाने का एक विशेष अवसर है। इस दिन बनने वाले शुभ योगों के कारण यह व्रत और अधिक फलदायी हो जाता है। यदि आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य लाभ और बाधाओं से मुक्ति चाहते हैं, तो इस दिन विधिपूर्वक प्रदोष व्रत का पालन करें। सही समय पर पूजा करने और व्रत की विधि का पालन करने से निश्चित रूप से शिव कृपा प्राप्त होगी।
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