गुड़ी पड़वा 2025, नववर्ष की शुरुआत और चैत्र नवरात्रि का शुभ संयोग
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हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भारत के कई हिस्सों में नववर्ष के रूप में मनाया जाता है, जिसे गुड़ी पड़वा कहा जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह न केवल नए साल की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि चैत्र नवरात्रि भी इसी दिन से प्रारंभ होती है। इस साल गुड़ी पड़वा 30 मार्च 2025 को मनाया जाएगा, क्योंकि प्रतिपदा तिथि का उदयकाल इसी दिन रहेगा।
गुड़ी पड़वा 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
🔹 प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 29 मार्च 2025 को शाम 04:27 बजे
🔹 प्रतिपदा तिथि समाप्त: 30 मार्च 2025 को दोपहर 12:49 बजे
🔹 गुड़ी पड़वा पर्व: 30 मार्च 2025 (उदयातिथि के अनुसार)
🔹 शुभ मुहूर्त: प्रातः 06:15 बजे से 10:30 बजे तक
🔹 अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:50 बजे से 12:40 बजे तक
गुड़ी पड़वा का महत्व
✔️ हिंदू नववर्ष की शुरुआत: यह दिन हिंदू नववर्ष के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है, खासतौर पर महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इसे पारंपरिक रूप से हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
✔️ चैत्र नवरात्रि का आरंभ: इस दिन से नौ दिनों तक देवी दुर्गा की आराधना की जाती है, जिसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है।
✔️ सकारात्मक ऊर्जा का संचार: मान्यता है कि इस दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है।
✔️ गुड़ी लगाने की परंपरा: महाराष्ट्र में इस दिन घरों के द्वार पर गुड़ी (केले के पत्तों, आम के पत्तों और फूलों से सजी एक ध्वजा) लगाई जाती है, जो समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक होती है।
गुड़ी पड़वा की पूजा विधि
1️⃣ प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2️⃣ घर के मुख्य द्वार पर आम और केले के पत्तों से तोरण लगाएं।
3️⃣ एक लकड़ी की लंबी छड़ी पर रेशमी वस्त्र, आम के पत्ते और नींबू बांधकर उसे गुड़ी के रूप में स्थापित करें।
4️⃣ भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु की पूजा करें।
5️⃣ विशेष रूप से गुड़, नीम के पत्ते और चने का प्रसाद ग्रहण करें।
6️⃣ पूरे घर में गंगाजल छिड़ककर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।
क्या करें और क्या न करें?
✅ करें:
✔️ इस दिन नया कार्य या व्यापार शुरू करना शुभ माना जाता है।
✔️ देवी दुर्गा और भगवान ब्रह्मा की पूजा करें।
✔️ घर की सफाई और सजावट करें, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर हो।
✔️ बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और गरीबों को अन्न-वस्त्र दान करें।
❌ न करें:
❌ किसी भी प्रकार का विवाद या अपशब्द न कहें।
❌ इस दिन तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा का सेवन न करें।
❌ राहुकाल में कोई शुभ कार्य न करें।
गुड़ी पड़वा पर बनाएं ये विशेष व्यंजन
इस दिन महाराष्ट्र में पूरी, श्रीखंड, पूरण पोली, और मीठे चावल बनाए जाते हैं।
दक्षिण भारत में पचड़ी नामक विशेष व्यंजन तैयार किया जाता है, जिसमें गुड़, नीम के पत्ते, कच्चा आम और इमली मिलाकर एक स्वादिष्ट मिश्रण बनाया जाता है।
गुड़ी पड़वा केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि सकारात्मकता, नए संकल्प और समृद्धि की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा के साथ चैत्र नवरात्रि भी प्रारंभ होती है, जिससे यह और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता चाहते हैं, तो इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करें और घर में गुड़ी जरूर लगाएं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।