होली 2025 पर लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानिए इसका प्रभाव और खास बातें

होली 2025 पर लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानिए इसका प्रभाव और खास बातें
X

हिंदू पंचांग के अनुसार, रंगों के उत्सव होली के दिन इस वर्ष पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। होली, जो उत्साह, उल्लास और सामाजिक समरसता का पर्व है, इस बार खगोलीय घटनाओं के चलते और भी खास बनने वाली है। ग्रहण का प्रभाव केवल खगोलीय दृष्टि से ही नहीं, बल्कि ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कब और कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?

यह चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को पड़ेगा, जो पूर्णिमा तिथि के दिन होली के साथ संयोग बनाएगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन इसका असर विभिन्न राशियों और धार्मिक अनुष्ठानों पर अवश्य पड़ सकता है। खगोलविदों के अनुसार, यह ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा।

ग्रहण के दौरान धार्मिक कार्यों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

भारतीय ज्योतिष में ग्रहण के समय शुभ कार्य करने की मनाही होती है। माना जाता है कि इस दौरान किए गए धार्मिक अनुष्ठान, हवन, और पूजा का प्रभाव कम हो सकता है। होली के दिन चंद्र ग्रहण लगने के कारण कई लोग इस पर्व को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान विशेष मंत्रों का जाप करना और भगवान विष्णु एवं शिव की आराधना करने से नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।

किन राशियों पर पड़ेगा असर?

ज्योतिषीय दृष्टि से यह चंद्र ग्रहण कुछ राशियों के लिए शुभ और कुछ के लिए अशुभ प्रभाव ला सकता है। मिथुन, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि के जातकों को इस ग्रहण से सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि यह उनके जीवन में कुछ चुनौतियां ला सकता है। वहीं, मेष, तुला और मीन राशि के लिए यह ग्रहण शुभ संकेत दे सकता है, जिससे उन्हें सफलता और समृद्धि प्राप्त होने की संभावना है।

क्या करें और क्या न करें?

* ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे, इसलिए पूजा-पाठ घर पर ही करें।

* इस दौरान खाने-पीने की वस्तुओं को ढककर रखें और ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर शुद्धिकरण करें।

* गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ग्रहण का असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है।

* चंद्र ग्रहण के दौरान मंत्र जाप और भगवान का स्मरण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

* ग्रहण के बाद गंगाजल का छिड़काव कर घर और पूजा स्थल को शुद्ध करें।

होली और चंद्र ग्रहण का यह अनोखा संयोग इस वर्ष के पर्व को और भी खास बना देगा। हालांकि, भारत में यह दृश्य देखने को नहीं मिलेगा, लेकिन इसकी ज्योतिषीय और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रभाव अवश्य रहेगा। ऐसे में, यदि आप शुभ फल प्राप्त करना चाहते हैं, तो सही उपायों और पूजा विधियों का पालन करें और इस पर्व को मंगलमय बनाएं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

Tags:
Next Story
Share it