होलिका दहन 2025, आज रात होगी अग्नि की पावन आराधना, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर प्रतिवर्ष होलिका दहन का आयोजन किया जाता है, जिसे बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष, 13 मार्च 2025 की रात को होलिका दहन विधिपूर्वक संपन्न किया जाएगा। यह परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है, जिसमें लोग अग्नि देवता की आराधना कर नकारात्मकता को समाप्त करने का संकल्प लेते हैं।
होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन की पौराणिक कथा भक्त प्रह्लाद और उनकी बुआ होलिका से जुड़ी है। हिरण्यकशिपु के अत्याचारों से त्रस्त होकर जब प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी, तो उसकी बुआ होलिका, जो अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त थी, उसे गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई। लेकिन प्रभु कृपा से होलिका स्वयं जल गई और प्रह्लाद सुरक्षित बच गए। इस घटना के बाद से हर वर्ष इस दिन बुराई के अंत और सत्य की विजय का पर्व मनाया जाता है।
शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च 2025 की रात्रि में रहेगा। इस दौरान श्रद्धालु अपने घरों के पास या सार्वजनिक स्थलों पर होलिका दहन करेंगे। दहन से पहले गोबर के उपले, लकड़ियां, सूखी पत्तियां और अन्य पूजन सामग्री से होलिका सजाई जाती है। पूजा के दौरान नारियल, गेंहू, चने और नई फसल की उपज को अग्नि में समर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन होलिका की अग्नि में भस्म किया गया कच्चा अनाज घर में सुख-समृद्धि लाता है।
होलिका दहन से जुड़ी परंपराएं
* दहन से पहले होली पूजन के दौरान परिवारजन सुख-समृद्धि और शत्रुनाश की कामना करते हैं।
* होलिका की अग्नि की राख को शरीर पर लगाने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
* होलिका दहन के बाद अगले दिन रंगों का पर्व होली मनाया जाएगा, जिसमें लोग आपसी प्रेम और भाईचारे के रंग में रंग जाते हैं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।