जानकी जयंती 2025, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और व्रत का महत्व

जानकी जयंती 2025, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और व्रत का महत्व
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हिंदू धर्म में जानकी जयंती का विशेष स्थान है। यह पर्व देवी सीता के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें माता जानकी के नाम से भी जाना जाता है। यह शुभ तिथि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आती है और इस दिन देवी सीता की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से अखंड सौभाग्य, सुख-समृद्धि और शीघ्र विवाह का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस लेख में हम जानेंगे कि जानकी जयंती 2025 कब है, इसका शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, व्रत का महत्व और इस दिन किए जाने वाले शुभ उपाय।

जानकी जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

अष्टमी तिथि प्रारंभ – 20 फरवरी 2025, सुबह 09:58 बजे

अष्टमी तिथि समाप्त – 21 फरवरी 2025, सुबह 11:57 बजे

पूजन और व्रत का दिन – 21 फरवरी 2025, गुरुवार

जानकी जयंती का महत्व

जानकी जयंती देवी सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजन करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और कुंवारी कन्याओं के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। मान्यता है कि इस दिन विशेष स्रोत का पाठ करने से भक्तों को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है और उनके जीवन से समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं।

जानकी जयंती की पूजन विधि

🔹 प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।

🔹 पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और वहां देवी सीता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

🔹 माता जानकी को हल्दी, चंदन, पुष्प, अक्षत, कुमकुम, सुहाग सामग्री और पीले वस्त्र अर्पित करें।

🔹 "ॐ सीतायै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

🔹 रामचरितमानस या सीता स्तुति का पाठ करें और जानकी जयंती की कथा श्रवण करें।

🔹 घी का दीपक जलाकर आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

🔹 जरूरतमंद महिलाओं को वस्त्र, भोजन और सुहाग सामग्री दान करें।

जानकी जयंती पर किए जाने वाले विशेष उपाय

🔸 शीघ्र विवाह के लिए – इस दिन देवी सीता और भगवान राम की संयुक्त पूजा करें और कन्याओं को मिठाई और पीले वस्त्र दान करें।

🔸 वैवाहिक सुख के लिए – विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए माता जानकी को लाल चुनरी चढ़ाएं।

🔸 सौभाग्य वृद्धि के लिए – सुहागिन स्त्रियां लाल चूड़ी, सिंदूर और कुमकुम का दान करें।

🔸 घर में सुख-शांति के लिए – तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं और श्रीरामचरितमानस का पाठ करें।

जानकी जयंती व्रत के लाभ

✅ शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

✅ वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द बना रहता है।

✅ अखंड सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

✅ परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

✅ देवी सीता की कृपा से जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं।

जानकी जयंती देवी सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला एक अत्यंत पवित्र पर्व है। इस दिन व्रत, पूजा और दान-पुण्य करने से अखंड सौभाग्य, वैवाहिक सुख और समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। जो भी श्रद्धालु इस दिन माता जानकी की सच्चे मन से आराधना करता है, उसे भगवान श्रीराम और माता सीता की कृपा प्राप्त होती है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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