8 अप्रैल 2025 का पंचांग, मंगलवार को रखा जाएगा कामदा एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, सूर्योदय-सूर्यास्त और धार्मिक महत्व

8 अप्रैल 2025 का पंचांग, मंगलवार को रखा जाएगा कामदा एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, सूर्योदय-सूर्यास्त और धार्मिक महत्व
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व्रत और त्योहारों की परंपरा से जुड़ा हर दिन हिंदू पंचांग में विशेष महत्व रखता है, और 8 अप्रैल 2025 का दिन भी धार्मिक दृष्टि से बेहद पावन माना जा रहा है। इस दिन कामदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है। यह व्रत पापों के नाश, मनोकामना पूर्ति और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। खास बात यह है कि इस बार यह एकादशी मंगलवार को पड़ रही है, जिससे इसका पुण्यफल और अधिक प्रभावशाली हो जाता है।

क्या है कामदा एकादशी का महत्व?

कामदा एकादशी को वैष्णव परंपरा में अत्यंत पुण्यदायी व्रत माना गया है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और उसे जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है। "कामदा" शब्द का अर्थ है "इच्छा पूरी करने वाली", यानी यह एकादशी जीवन की अधूरी कामनाओं को पूर्ण करने का माध्यम बनती है।

पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, एक बार एक गंधर्व और उसकी पत्नी ने कामदा एकादशी का व्रत रखकर अपने पुत्र को श्राप से मुक्त कराया था। इस कथा के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि यह व्रत कितनी प्रभावशाली और फलदायी हो सकता है। विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में सौहार्द, संतान सुख और मानसिक शांति की कामना रखने वाले लोगों को इस व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए।

शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

8 अप्रैल 2025 को कामदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। एकादशी तिथि की शुरुआत 7 अप्रैल को रात 08:05 बजे से हो रही है और इसका समापन 8 अप्रैल की रात 10:27 बजे होगा। इसलिए उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए व्रत 8 अप्रैल को ही रखा जाएगा।

सूर्योदय का समय – सुबह 06:03 बजे

सूर्यास्त का समय – शाम 06:41 बजे

व्रत पारण (उपवास खोलने) का समय – 9 अप्रैल को सुबह 06:03 से 08:35 बजे तक शुभ माना गया है।

व्रत विधि और पूजन प्रक्रिया

कामदा एकादशी के दिन सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्नान कराकर पीले वस्त्र पहनाएं, चंदन, तुलसी, पीले फूल और फल अर्पित करें। विष्णु सहस्त्रनाम, भगवद्गीता पाठ या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। इस दिन चावल, मसूर दाल, लहसुन-प्याज आदि तमसिक चीजों का सेवन वर्जित होता है। व्रत का पालन पूरे दिन उपवास करके और रात्रि जागरण के साथ किया जाता है।

कामदा एकादशी 2025 का यह शुभ दिन न केवल आध्यात्मिक उत्थान का अवसर है, बल्कि यह व्रत जीवन की कठिनाइयों को दूर करने, दांपत्य जीवन में मधुरता लाने और मनोकामनाओं की पूर्ति करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। मंगलवार को पड़ने के कारण इस बार यह व्रत हनुमान जी की कृपा पाने का भी उत्तम अवसर प्रदान कर रहा है। ऐसे में श्रद्धालु जन इस दिन का लाभ उठाएं और पूरे नियम-विधान से कामदा एकादशी का व्रत करें – निश्चित ही उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होगा।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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