खरमास 2025, 14 मार्च से 13 अप्रैल तक रहेगा खरमास, जानें इस दौरान क्या करें और क्या न करें

खरमास 2025, 14 मार्च से 13 अप्रैल तक रहेगा खरमास, जानें इस दौरान क्या करें और क्या न करें
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सनातन धर्म में खरमास का विशेष महत्व होता है। यह वह समय होता है जब सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करते हैं और गुरु की राशि में रहते हैं। इस अवधि को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है। इस साल खरमास 14 मार्च 2025 से शुरू होकर 13 अप्रैल 2025 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार आदि नहीं किए जाते। हालांकि, इस समय में सूर्यदेव की उपासना और धार्मिक कार्य करने से व्यक्ति को करियर, स्वास्थ्य और मानसिक शांति का लाभ मिलता है। आइए जानते हैं कि इस अवधि में किन बातों का पालन करना चाहिए और कौन-से कार्य वर्जित माने जाते हैं।

खरमास का महत्व और धार्मिक दृष्टिकोण

सनातन धर्म के अनुसार, खरमास में सूर्यदेव का पराक्रम कमजोर माना जाता है क्योंकि वे मीन राशि में गोचर करते हैं, जिसे शुभ फल देने वाला नहीं माना जाता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब भी बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं, तो उस समय शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। यही कारण है कि इस अवधि में शादी-विवाह, गृह निर्माण, व्यापार की नई शुरुआत या अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।

हालांकि, धार्मिक दृष्टि से यह समय ईश्वर की आराधना, दान-पुण्य और आत्मिक शुद्धि के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्यदेव की आराधना करने से न केवल मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं बल्कि व्यक्ति को आत्मिक बल भी प्राप्त होता है।

खरमास में कौन-से कार्य करने चाहिए?

खरमास के दौरान व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इस अवधि में कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं, जो शुभ फल प्रदान करते हैं—

सूर्यदेव की उपासना करें – प्रतिदिन सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल और अक्षत डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। इससे करियर में सफलता मिलती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

भगवान विष्णु की पूजा करें – विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करने से जीवन में सकारात्मकता आती है।

दान-पुण्य करें – इस दौरान गरीबों को भोजन कराना, जरूरतमंदों को वस्त्र दान करना और गौ सेवा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

सात्विक भोजन करें – इस समय में तामसिक भोजन, मांस-मदिरा और नकारात्मक गतिविधियों से बचना चाहिए। सात्विक और पौष्टिक भोजन करने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं।

जप-तप और ध्यान करें – इस अवधि में किसी भी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करना, भगवद्गीता पढ़ना और नियमित ध्यान करना मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

खरमास में किन कार्यों से बचना चाहिए?

खरमास को अशुभ कार्यों के लिए प्रतिबंधित माना गया है। इस दौरान कुछ कार्यों से बचना चाहिए, ताकि जीवन में नकारात्मकता न आए—

शादी-विवाह न करें – इस समय विवाह करने से वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं और दांपत्य जीवन में कलह हो सकती है।

नया व्यवसाय न शुरू करें – खरमास के दौरान नया व्यापार शुरू करना आर्थिक रूप से नुकसानदायक हो सकता है।

गृह प्रवेश न करें – इस अवधि में नया घर खरीदना या गृह प्रवेश करना शुभ नहीं माना जाता।

नए वाहन या कीमती वस्तु की खरीदारी न करें – इस समय वाहन या कोई बड़ी वस्तु खरीदने से उसमें नुकसान या हानि हो सकती है।

क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखें – इस दौरान अहंकार, क्रोध और वाद-विवाद से बचना चाहिए। इससे मानसिक अशांति और रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है।

खरमास में सूर्य उपासना से करियर और मानसिक शांति का लाभ

खरमास के दौरान सूर्यदेव की विशेष पूजा करने से करियर में सफलता मिलती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। सूर्य ऊर्जा के स्रोत माने जाते हैं, और उनकी पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है।

* यदि करियर में बाधाएं आ रही हैं, तो इस दौरान सूर्य मंत्र "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः" का जाप करें।

* ऑफिस या व्यापार में सफलता के लिए सूर्य को जल चढ़ाते समय गुड़ और लाल फूल डालें।

* मानसिक तनाव से बचने के लिए प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करें और ध्यान लगाएं।

खरमास 2025 का समय 14 मार्च से 13 अप्रैल तक रहेगा। इस अवधि में शुभ कार्यों पर रोक होती है, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान, दान-पुण्य और आध्यात्मिक साधना करने से शुभ फल मिलते हैं। इस दौरान सूर्यदेव की पूजा करने से करियर में उन्नति और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यदि इस समय में बताए गए नियमों का पालन किया जाए, तो यह समय व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिक उन्नति लेकर आ सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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