कुंभ संक्रांति 2025 जानें तिथि, महत्व और इस दिन किए जाने वाले धार्मिक उपाय

कुंभ संक्रांति 2025 जानें तिथि, महत्व और इस दिन किए जाने वाले धार्मिक उपाय
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कुंभ संक्रांति का दिन सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। यह दिन विशेष रूप से पवित्र नदियों में स्नान और दान की परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि इस दिन गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से जीवन में पुण्य की प्राप्ति होती है, और सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कुंभ संक्रांति 13 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।

कुंभ संक्रांति का महत्व:

कुंभ संक्रांति को सूर्य के मकर से कुम्भ राशि में प्रवेश के समय मनाया जाता है। यह समय विशेष रूप से धार्मिक कार्यों, पुण्यकर्मों और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से गंगा स्नान और सूर्य देव की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में माना जाता है कि इस दिन किए गए धार्मिक उपायों से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

कुंभ संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान का महत्व:

कुंभ संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे शुद्धि और पुण्य की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। गंगा नदी के पवित्र जल में स्नान करने से शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है। इसके अलावा, इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। जैसे ही लोग गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उन्हें इस दिन ताम्रपात्र, वस्त्र, अन्न, और अन्य चीजों का दान करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया दान पुण्य की प्राप्ति में सहायक होता है।

कुंभ संक्रांति 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

कुंभ संक्रांति का यह महापर्व 13 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से सूर्य के मकर से कुम्भ राशि में प्रवेश करने के समय होता है, जो एक अत्यधिक शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले गंगा स्नान करना अत्यधिक पुण्यकारी होता है। साथ ही, इस दिन सूर्योदय के बाद सूर्य देव की पूजा और व्रत रखने से व्यक्ति को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।

कुंभ संक्रांति के दौरान किए जाने वाले उपाय:

1. गंगा स्नान: इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। यदि गंगा तक पहुंचना संभव न हो, तो घर पर गंगा जल से स्नान करना भी लाभकारी होता है।

2. सूर्य पूजा: इस दिन सूर्योदय से पहले सूर्योदय के समय सूर्य देव की पूजा करना अत्यधिक लाभकारी होता है। सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

3. दान करना: इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद दान करें। ताम्रपात्र, वस्त्र, अन्न और अन्य सामान का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

4. तर्पण: इस दिन पितरों को तर्पण देने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

5. व्रत रखना: कुंभ संक्रांति के दिन व्रत रखने से आत्मा की शुद्धि होती है और सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

कुंभ संक्रांति 2025 का दिन एक खास अवसर लेकर आएगा, जो आपके जीवन में आशीर्वाद, पुण्य, और समृद्धि लाएगा। गंगा स्नान, सूर्य पूजा, और दान जैसे धार्मिक कार्यों को करते हुए इस दिन को विशेष रूप से लाभकारी और पुण्यदायिनी बना सकते हैं। इस दिन के द्वारा प्राप्त किया गया पुण्य न केवल जीवन को शुद्ध करता है, बल्कि आत्मिक उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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