लक्ष्मी जयंती 2025, फाल्गुन पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

हिंदू धर्म में लक्ष्मी जयंती को विशेष स्थान प्राप्त है। यह पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस व्रत और पूजा का अत्यधिक महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में सुख-शांति और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
इस वर्ष लक्ष्मी जयंती का पर्व 14 मार्च 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि रहेगी और इसी दिन रंगों के उत्सव होली का पर्व भी पूरे उल्लास के साथ मनाया जाएगा। ऐसे में यह दिन अत्यंत शुभ और मंगलकारी रहेगा।
लक्ष्मी जयंती 2025 का शुभ मुहूर्त और तिथि
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि इस वर्ष निम्नलिखित समय के अनुसार रहेगी—
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 मार्च 2025, गुरुवार को प्रातः 10:35 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 मार्च 2025, शुक्रवार को दोपहर 12:23 बजे
चूंकि हिंदू धर्म में किसी भी व्रत और पर्व को उदयातिथि के अनुसार मनाने की परंपरा है, इसलिए लक्ष्मी जयंती 14 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन भक्तगण मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करेंगे और व्रत रखकर देवी को प्रसन्न करने का प्रयास करेंगे।
लक्ष्मी जयंती का महत्व
मां लक्ष्मी को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी माना जाता है। पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। तभी से इस दिन को लक्ष्मी जयंती के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है।
1. आर्थिक समृद्धि: इस दिन मां लक्ष्मी की आराधना करने से व्यापार, नौकरी और आर्थिक जीवन में उन्नति होती है।
2. सौभाग्य और वैवाहिक सुख: इस दिन किए गए पूजन से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और गृहस्थ जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
3. नकारात्मकता से मुक्ति: लक्ष्मी जयंती पर मां की आराधना से जीवन में नकारात्मक शक्तियों और दरिद्रता का नाश होता है।
4. पुण्य प्राप्ति: इस दिन किया गया दान और व्रत सात जन्मों तक सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करता है।
लक्ष्मी जयंती की पूजन विधि
लक्ष्मी जयंती पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजा करना आवश्यक होता है। इस दिन की जाने वाली पूजा की विधि इस प्रकार है—
* स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
* मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें: घर या पूजा स्थल में मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
* धूप, दीप और फूल अर्पित करें: देवी को लाल और पीले रंग के फूल अर्पित करें और धूप-दीप जलाएं।
* श्रीसूक्त का पाठ करें: मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्रीसूक्त, लक्ष्मी स्तोत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
* विशेष भोग अर्पण करें: मां लक्ष्मी को खीर, पंचामृत, फल, मीठे पकवान और तुलसी दल अर्पित करें।
* दान करें: इस दिन गरीबों और जरुरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करना शुभ माना जाता है।
लक्ष्मी जयंती पर कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
श्रीसूक्त का पाठ करें – इस दिन श्रीसूक्त के 11 पाठ करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
तुलसी और शंख की पूजा करें – तुलसी माता और शंख में देवी लक्ष्मी का वास होता है, इनकी पूजा से जीवन में धन की वृद्धि होती है।
गाय को हरा चारा खिलाएं – इस उपाय से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में कभी आर्थिक तंगी नहीं आती।
घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं – शाम के समय घर के प्रवेश द्वार पर घी का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
किसी ब्राह्मण या कन्या को भोजन कराएं – इस दिन ब्राह्मणों और कन्याओं को भोजन कराने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
लक्ष्मी जयंती 2025 का यह पावन पर्व 14 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस पर्व के दिन किए गए शुभ कार्यों का प्रभाव जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला होता है। अतः इस दिन भक्तों को पूरे श्रद्धा और समर्पण भाव से मां लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।